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तोकापाल में आयोजित वन अधिकार, सुपोषण एवं ग्राम विकास कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्री,कुपोषण दूर करने ’हरिक नानी बेरा’ का शुभारंभ,कहा-सरकार के फैसलों से लोगों के जीवन में आया परिवर्तन

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जगदलपुर।विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा, तीजा और कर्मा जयंती पर राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश देने से लोगों को अहसास हो रहा है कि प्रदेश में पहली बार छत्तीसगढ़ियों की सरकार है। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर के तोकापाल में वन अधिकार, सुपोषण और ग्राम विकास कार्यशाला में कहीं।

मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में बस्तर में कुपोषण दूर करने के लिए हरिक नानी बेरा अर्थात खुशहाल बचपन अभियान का शुभारंभ किया। शुभारंभ अवसर पर बच्चों को मूंगफली और गुड़ के लड्डू खिलाए। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों की सुविधा के लिए शासकीय कार्यालयों में शुरू किए जा रहे ’ मोचो आॅफिस-नगत आफिस’ ब्रोशर का विमोचन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी लड़ाई कुपोषण के खिलाफ है। माताएं कमजोर होंगी तो बच्चे भी कमजोर होंगे। इसलिए सशक्त छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी 02 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में कुपोषण मुक्ति महाअभियान प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला खनिज न्यास निधि का पैसा अब खनिज क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। बस्तर और दंतेवाड़ा में हाट-बाजारों में लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि एनएमडीसी को सबसे ज्यादा आय बस्तर से होती है, इसलिए एनएमडीसी में होने वाली भर्ती के लिए परीक्षा अब बस्तर में होगी।