जगदलपुर। नगर निगम चुनाव को लेकर 20 साल पुरानी परंपरा टूटने को है। भूपेश सरकार बहुत जल्द यह फैसला लेने वाली है कि छत्तीसगढ़ में महापौर चुनाव अलग से नहीं होगा बल्कि पार्षद दल का जो नेता होगा वही महापौर होगा। इसके लिए जो लोग महापौर की दावेदारी कर रहे हैं उन्हें पहले पार्षद का चुनाव लड़ना पड़ेगा और जीतने के बाद जिसको पार्षद दल अपना नेता तय करेगा वह महापौर बनेगा।
सरकार के इस फैसले से उन लोगो की उम्मीदों पर पानी फिरने की संभावना है जो लोग दावा कर रहे थे कि हम अपने रसूख के दम पर डायरेक्ट रायपुर से महापौर की टिकट लेकर आएंगे। निश्चित तौर पर ही महापौर बनने के लिए उनकी राह इतनी आसान नहीं होगी।