नई दिल्ली। कहते हैं कि मेहनत कभी ना कभी रंग जरूर लाती है। कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी के साथ। नवदीप हर तकलीफ से लड़ते हुए इतने काबिल बने कि भारतीय चयनकर्ता उन्हें नीली जर्सी देने पर मजबूर हो गए। नवदीप ने टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए काफी तकलीफें सही पर अंत में नतीजा बहुत ही अच्छा मिला और आज वो राष्ट्रीय टीम में चुन लिए गए।
नवदीप एक आम परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि उनके पिता सरकारी ड्राइवर थे पर आमदनी इतनी नहीं थी कि परिवार अपने बेटे की इच्छा पूरी कर सके। नवदीप के पिता इस हालत में नहीं थे कि वो क्रिकेट एकेडमी की फीस भर पाते। इसके बाद भी उन्होंने अपनी इच्छा मरने नहीं दी और संघर्ष जारी रखा। नवदीप टेनिस गेंद से अभ्यास करने लगे। इससे उन्हें ये फायदा मिला कि उनकी गेंदों की गति बढ़ने लगी। नवदीप के पास उन दिनों एक अच्छी स्पोटर्स शूज भी नहीं थे।
नवदीप शुरुआत में लोकल टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया करते थे जहां एक मैच खेलने के 200 रुपये मिलते थे। इसके बाद उन्हें करनाल प्रीमियर लीग में खेलने का मौका मिला जहां पर उन्होंने अपनी गेंदबाजी से लोगों को खूब प्रभावित किया। इस टूर्नामेंट के बाद नवदीप ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। नवदीप सैनी न्यूज पेपर में विराट कोहली, गौतम गंभीर, सहवाग जैसे खिलाड़ियों की तस्वीर देखकर दिल्ली रणजी टीम का अभ्यास देखने के लिए रोशनारा स्टेडियम पहुंच गए। चुकी करनाल प्रीमियर लीग के दौरान सुमित नरवाल उनकी गेंदबाजी देख चुके थे। अब गौतम गंभीर ने यहां पर 15 मिनट तक उनकी गेंदबाजी देखी और फिर उन्हें दिल्ली की टीम में शामिल कर लिया गया।
नवदीप दिल्ली के नहीं थे इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पर यहां पर गौतम गंभीर ने उनकी काफी मदद की। उन्होंने दिल्ली के चयनकर्ताओं से बातचीत की और फिर बाहरी खिलाड़ी के तौर पर उनके बारे में विचार किया गया। उन्होँने डीडीसीए के किसी भी स्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया था इसके बावजूद उन्होंने काफी सारी बाधाओं को पार करते हुए दिल्ली की टीम में जगह बना ली। नवदीप ने गंभीर के विश्वास को कायम रखा और 2017-18 रणजी सीजन में कुल 34 विकेट चटकाए। उनके इस धमाकेदार प्रदर्शन की वजह से वो सबकी निगाहों में आ गए और छा भी गए। वर्ष 2017 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका दौरे से पहले टीम इंडिया के नेट अभ्यास के लिए गेंदबाज के तौर पर चुना गया। फिर उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में चुना गया था पर खेलने का मौका नहीं मिल पाया। अब एक बार फिर से उन्हें लागातार अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया में चुन लिया गया है।