जगदलपुर।। विधायक भीमा मंडावी शिक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील और जागरूक थे। वो विधायक के तौर पर दन्तेवाड़ा विधानसभा में शिक्षा को बढ़ावा देकर ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे थे। चूंकि लोगों की जागरूकता और विकास नक्सलियों की सबसे बड़ी शत्रु है इसलिये बस्तर में शिक्षा ,स्वास्थ्य और विकास को बाधित करने के लिये तथा लोगों में डर पैदा करने के लिये नक्सली निर्दोषों की हत्याएं करते हैं । उक्त बातें भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और नक्सल विरोधी नेता मनीष पारेख ने दरभा डिवीजन कमेटी के सचिव साईंनाथ के उस पत्र के जबाव में कहीं जिसमें यह कहा गया था कि चूंकि भीमा मंडावी की छवि एक हिंदूवादी नेता की थी और बीजेपी सरकार भी हिंदुत्व को बढ़ावा दे रही है इसलिये उन्होंने भीमा मंडावी की हत्या कर दी ।
मनीष पारेख ने आगे कहा कि भीमा मंडावी की हत्या पर नक्सली बहाना बना रहे हैं। चूंकि दन्तेवाड़ा विधानसभा और पूरे बस्तर संभाग के अधिकांश बीजेपी और कांग्रेसी नेता धार्मिक हैं ,समूचे बस्तर संभाग सहित छत्तीसगढ़ में सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं ऐसे में एक आस्थावान विधायक भीमा मंडावी को धार्मिक होने की वजह से नक्सलियों ने हत्या कर दी । नक्सली बस्तर में अपना डर कायम रखने के लिये किसी की भी हत्या कर सकते हैं ।
मनीष पारेख का कहना है कि नक्सली किसी विचारधारा की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं । नक्सली अपना अस्तित्व और प्रासंगिकता खो रहे हैं और ये उसी को बचाने के लिये बौखलाहट में निर्मम हत्यायें करते हैं । मनीष पारेख आगामी दिनों में परमार्थ संस्था के जरिये नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जन जागरण का कार्य करेंगे और नक्सलियों को बेनकाब करेंगे ।
नक्सलियों से पूछे सवाल
मनीष पारेख ने नक्सलियों से कुछ सवाल पूछे-
1.सड़क निर्माण में लगे गरीब व्यक्तियों की हत्या का क्या जवाब है नक्सलियों के पास ?
2.मुखबिरी के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या का क्या जवाब है नक्सलियों के पास?
3.गांवो में सड़क ,पीने का पानी ,स्कूल ,आंगनबाड़ी का विरोध क्यों करते हैं जबकि ये आवश्यकता ही नहीं अधिकार है जनता का ।
4 फागुन मेला देखने जा रहे परिवार को पहले IED से उड़ा दिया ,जिसमें दो गर्भवती महिलाओं सहित छोटी बच्ची भी थी वो कौन से हिंदूवादी थे?