नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यौन संबंधों को लेकर बड़ा फैसला दिया है। एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी का वादा करके किसी महिला से यौन संबंध बनाना और फिर उससे शादी नहीं करना रेप माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में यौन संबंध के लिए महिला की सहमति के कोई मायने नहीं हैं क्योंकि यह धोखा देकर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एल नागेश्वर राव और एमआर शाह ने यह बड़ा फैसला दिया है।
अपने फैसले में यह दोनों जजों की बेंच ने कहा कि शादी का वादा करके जब युवक महिला के साथ यौन संबंध बनाता है और उससे शादी नहीं करता है तो महिला की सहमति को स्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि महिला इस भ्रम में है कि युवक उससे शादी करेगा। शादी के वादे की वजह से ही युवती ने यौन संबंध बनाया, लिहाजा इसे महिला की सहमति नहीं माना जा सकता है। इसमे साफ होता है कि युवक महिला से शादी नहीं करना चाहता है और उसने सिर्फ यौन संबंध के लिए महिला से शादी का वादा किया और उसकी सहमति हासिल की।