नई दिल्ली । दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गहमागहमी और बयानबाजी अपने चरम पर है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री आतिशी ने विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को एक चौंकाने वाला प्रस्ताव दिया। विधानसभा में बस मार्शलों को नियमित करने की बहस के दौरान, आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता से कहा कि यदि वह इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल से मंजूरी दिलवा दें, तो आम आदमी पार्टी (आप) उनके खिलाफ अगले चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इतना ही नहीं, आतिशी ने कहा कि वह खुद उनके पक्ष में प्रचार करने के लिए तैयार हैं।
क्या है बस मार्शलों का मुद्दा?
बस मार्शल दिल्ली सरकार की बसों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त किए जाते हैं। ये लोग लंबे समय से नियमित नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। हाल ही में, दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में इन्हें अस्थायी रूप से चार महीने की नियुक्ति देने का प्रस्ताव पास किया गया था। लेकिन बस मार्शलों का कहना है कि यह चुनाव तक का अस्थायी उपाय है और उनकी स्थायी नियुक्ति की मांग को बार-बार टाला जा रहा है।
बीजेपी और आप के बीच विवाद
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और मार्शलों को नियमित करने में बाधा डाल रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में आतिशी का विजेंद्र गुप्ता को दिया गया प्रस्ताव एक नई रणनीति मानी जा रही है।
राजनीतिक बयानबाजी
यह घटना अक्टूबर में हुए एक विवाद की भी याद दिलाती है, जब आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शलों के मसले पर बीजेपी विधायकों को सचिवालय से भागने से रोकने का दावा किया था। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को चुनावी चर्चा का केंद्र बना दिया है, और इसे जनता के बीच ले जाने की योजना बना रही है।
अगले कदम
अगर विजेंद्र गुप्ता इस प्रस्ताव पर कोई सकारात्मक कदम उठाते हैं, तो यह ना सिर्फ बस मार्शलों के लिए राहत का कारण बन सकता है बल्कि आगामी चुनावों में राजनीतिक समीकरण भी बदल सकता है। फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देती है।