उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने पिता किम जोंग-इल और दादा किम इल-सुंग की लाशों को आज भी संभाल के रखा हुआ है. किम जोंग ने उत्तर कोरिया में खास इनके लिए कुमसुसन मेमोरियल पैलेस (Kumsusan Memorial Palace) बनवाया है. इस पैलेस की देखभाल में सैकड़ों सैनिक तैनात रहते हैं. सबसे खास, किम जोंग के पिता और दादा की लाशों को संभालने का काम करती है लेनिन लेेेब.
लेनिन लैब के वैज्ञानिकों की टीम ने ही इनके शरीर को संरक्षित किया हुआ है. यही वैज्ञानिक एम्बामिंग (Embalming) के जरिए इनकी लाशों को फ्लेक्सिबल और त्वचा को जवां बनाए रखते हैं.
लेनिन लैब टीम में शामिल एक प्रोफेसर ऐलेक्स यॉचक (Alexei Yurchak) का कहना है कि मॉक्सो में बनी लेनिन लैब में ही एम्बामिंग की जाती है, लेकिन किम जोंग के परिवार के सदस्यों की एम्बामिंग प्योंगयांग में बनी लैब में किया जाता है. इन लाशों की एम्बामिंग में कई महीनों का समय लग जाता है. वहीं, डेढ़ से दो साल के अंतराल में मॉस्को के वैज्ञानिक इन बॉडिज़ की एम्बामिंग करते हैं.
साल 2016 में मॉस्को में रिलीज़ की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग के पिता और दादा के शवों की एम्बामिंग में पहली बार करीब 2 लाख डॉलर यानी 1 करोड़ 41 लाख का खर्च आया था.