नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए अलग से एक कोच की व्यवस्था की गई है। पुरुष यात्रियों को यह भी पता है कि हर मेट्रो ट्रेन में महिला कोच पहले नंबर पर लगा होता है। इसके बाद भी कई मनचले महिला कोच में चढ़ जाते हैं। चूंकि मेट्रो के सभी कोच इंटर कनेक्टेड (आपस में जुड़े) होते हैं, इसलिए कई बार यह भी देखने को मिलता है कि अंदर ही अंदर कुछ पुरुष यात्री, महिला कोच में जाकर खड़े हो जाते हैं।
ऐसे यात्रियों को सबक सिखाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने ऑपरेशन काली शुरू किया था। इसमें मुख्य भूमिका सीआईएसएफ की उन महिला कमांडोज ने निभाई है जिन्हें मार्शल आर्ट की कला ‘पेकेति तिरसिया काली’ में प्रशिक्षित किया गया है। इन महिला कमांडोज ने 2018 में 365 ऑपरेशन चलाकर 2404 पुरुष यात्रियों को सबक सिखाया। इस साल जनवरी माह में भी 158 पुरुष यात्री इनके हाथ लग चुके हैं।
बता दें कि मेट्रो में निरंतर ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि पुरुष यात्री महिला कोच में आकर उन्हें तंग करते हैं। सीआईएसएफ ने इस समस्या का हल करने के लिए एक नया प्रयोग किया। बल की दर्जनों महिला कर्मियों को फिलीपींस की विश्वविख्यात मार्शल आर्ट पेकेति तिरसिया काली की ट्रेनिंग दी गई। पहले इस कला का मुख्य हथियार ब्लेडनुमा तलवार या खुखरी रहता था। आज उन हथियारों की जगह एके-47 जैसे स्वचालित हथियारों ने ले ली है।
ऑपरेशन काली के तहत जो भी पुरुष यात्री महिला कोच में पाया जाता है, ये महिला कमांडो उसे स्टेशन प्रबंधक के पास ले जाती हैं। वहां इन पर मेट्रो एक्ट के तहत जुर्माना लगाते हैं। कई बार कुछ युवा जब महिला कोच से नीचे उतरने से मना करते हैं या कहासुनी करने पर उतारु हो जाते हैं तो ये महिला कमांडो अपने प्रशिक्षण का सहारा लेकर उनके होश ठिकाने लाती हैं।