हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा का विशेष महत्व है. भगवान में आस्था रखने वाले अधिकांश लोग भगवान के सामने अगरबत्ती जलाना नहीं भूलते. घर हो या फिर मंदिर प्रसाद के साथ अगरबत्ती जरूर होती है. कोई दो अगरबत्ती जलाता है तो कोई पांच. बाजारों में अलग-अलग खुशबू वाली अगरबत्ती उपलब्ध है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में अगरबत्ती जलाना शुभ है या अशुभ?
पूजन में बांस जलाना शुभ नहीं
शास्त्रों में कहीं पर भी अगरबत्ती के जलाने का उल्लेख नहीं किया गया है. हर जगह धूपबत्ती की बात कही गई है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बांस का उपयोग अर्थी बनाने में किया जाता है. लेकिन दाह संस्कार में बांस को नहीं जलाया जाता है. इसलिए बांस से बनी अगरबत्तियों को पूजन में जलाना शुभ नहीं माना जाता है. शादी, जनेऊ, मुंडन आदि में बांस की पूजा की जाती है. शादियों में बांस से मंडप बनाया और सजाया जाता है. इसलिए पूजा विधियों में बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाना निषेध माना जाता है.
पूजा में कितनी अगरबत्ती जलानी चाहिए
बताया कि हमेशा दो अगरबत्ती जलाना चाहिए. इससे देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में शांति और सुख-समृद्धि का वास होता है. चार अगरबत्तियां जलाना शक्ति का प्रतीक माना जाता है. इसे विशेष धार्मिक अनुष्ठानों और यज्ञों में उपयोग करना अत्यधिक लाभकारी होता है. चार अगरबत्तियां जलाने से घर में उत्पन्न बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है.
जरूर करें अगरबत्ती जलाते समय नियम का पालन
अगरबत्ती जलाने के नियम का वर्णन भी शास्त्रों में किया गया है. अगरबत्ती जलाने के नियम के तहत केवल वहीं अगरबत्ती जलानी चाहिए जो एकदम सही हो और कहीं से टूटी हुई ना हो. केवल वहीं अगरबत्ती जलाएं जो सुगंधित हों. अगरबत्ती जलाते समय उसपर फूंक ना मारें. अगरबत्ती जलाने के नियम के तहत इसे जलाने के बाद इसे चारों दिशा की ओर घूमाएं.