हिसार। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का इससे बेहतरीन उदाहरण कोई नहीं हो सकता जब संजय ने संतोष के साथ बिना दहेज लिए सिर्फ एक रुपए शगुन लेकर शादी की। दुल्हन को भी हेलीकॉप्टर में लेकर गए। संजय के पिता सतबीर का कहना है कि बिना दहेज शादी करने के पीछे उद्देश्य बेटी बचाओ का संदेश देना था। ताकि लोग बेटी को बोझ न समझें।
सतबीर का एक ही बेटा है। उसकी इच्छा थी कि वह हेलीकॉप्टर में शादी करने जाए और बहू को हेलीकॉप्टर में लेकर आए। हेलीकॉप्टर 10 फरवरी को सुबह करीब 11:30 बजे हसनगढ़ गांव में उतरा जिसे देखने सारा गांव उमड़ पड़ा था।
लड़की के पिता ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। तीन बच्चे हैं। संतोष बड़ी है। बेटी की शादी को लेकर अक्सर चिंता रहती थी। भगवान की कृपा और बेटी का भाग्य ही है कि वह आज हेलीकॉप्टर में विदा हो रही है। कभी नहीं सोचा था कि बेटी हेलीकॉप्टर में विदा होगी।