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राहुल के जगदलपुर पहुंचने से पहले बिगड़ा कांग्रेस का प्रबंधन, पांच विधायक नहीं कर पाए पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का स्वागत, झीरम के शहीद महेंद्र कर्मा की विधवा का किया गया अपमान, कांग्रेसियों के निशाने पर शहर कांग्रेस के पदाधिकारी

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जगदलपुर। ट्रांजिट विजिट पर बुधवार को जगदलपुर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्वागत से पहले कांग्रेस का प्रबंधन बिगड़ गया। पार्टी के इन दोनों बडे नेताओं का स्वागत करने बस्तर संभाग के छह कांग्रेस विधायक नहीं पहुंच पाए। दुर्भाग्यजनक पहलू यह रहा कि इस दौरान झीरम नरसंहार में शहीद हुए महेंद्र कर्मा की पूर्व विधायक पत्नी देवती कर्मा को अपमानित होकर एयरपोर्ट से लौटना पड गया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस का जगदलपुर संगठन कठघरे में खड़ा होता दिख रहा है क्योंकि स्वागत करने वालों के नाम तय करने वालों की जिम्मेदारी शहर कांग्रेस कमेटी के पास थी जिस पर भेदभाव करने का आरोप लगाया जा रहा है।

बस्तर संभाग में कांग्रेस को जबरदस्त जनादेश दिलाने वाले कांग्रेसजन बुधवार को पहली बार बिफरे हुए दिखाई दिए क्योंकि उन्हें अपने नेताओं राहुल गांधी तथा भूपेश बघेल से मिलने का अवसर नहीं दिया गया। इन नेताओं का स्वागत कराने की जिम्मेदारी जगदलपुर शहर-जिला कांग्रेस कमेटी के पास थी। लेकिन उन्होंने जो सूची तैयार की उसमें पार्टी के कद्दावर नेताओं के नाम गायब थे। सूची में केवल उन्हीं कांग्रेसजनों का नाम था जिन्हें शहर कांग्रेस अध्यक्ष के चहेतों के रूप में जाना और पहचाना जाता है। इसको लेकर जगदलपुर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश है।

सिर्फ छह विधायक ही पहुंचे
राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्वागत के लिए बस्तर संभाग में कांग्रेस के ग्यारह विधायकों में से केवल छह ही पहुंच पाए। इनमें मंत्री कवासी लखमा के अलावा लखेश्वर बघेल, मोहन मरकाम , विक्रम मंडावी,रेखचंद जैन तथा दीपक बैज शामिल हैं। इसके अलावा महापौर जतीन जायसवाल, शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा, प्रदेश महासचिव मलकीत सिंह गेंदू समेत कुछ ऐसे कांग्रेसी थे जिनके नाम शहर कांग्रेस कमेटी ने तय किए थे।

पक्षपात का आरोप
नगर निगम के पार्षद समेत अनेक आदिवासी नेताओं ने शहर कांग्रेस कमेटी पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सभी कांग्रेसजनों को राहुल गांधी और भूपेश बघेल का स्वागत करने का अवसर देना था लेकिन सुरक्षा की आड़ में शहर कांग्रेस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। केवल उन्हीं कांग्रेसजनों को इसके लिए अवसर दिया गया जो शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों के चहेते हैं। कई कांग्रेसजनों ने इसकी शिकायत रायपुर जाकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल से करने की बात की है। उनका कहना है कि बस्तर में कांग्रेस को भारी जनादेश दिलाने में पार्टी के हर कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन कुछ नेता खुद को पार्टी का मठाधीश मानने लगे हैं, जिसका नुकसान दो महीने बाद होने वाले लोकसभा के चुनाव में उठाना पड़ सकता है।

अपमानित हुईं देवती कर्मा
ओडिशा से लौटने पर राहुल गांधी और भूपेश बघेल के स्वागत के लिए पहुंची पूर्व विधायक देवती कर्मा को एयरपोर्ट के अंदर बेरिकेट्स पर ही रोक दिया गया। इस पर देवती कर्मा बिफर गईं और कहा कि कांग्रेस के लिए उनके पति महेंद्र कर्मा ने शहादत दी है, उस वक्त सुरक्षा की बात करने वाले कहां थे। उन्होंने कहा कि पूरा गांधी परिवार उनके पति की कुरबानी को जानता और मानता है। इसके बावजूद उन्हें रोका जा रहा है। एयरपोर्ट से नाराज होकर लौटते हुए देवती कर्मा ने यह भी कहा कि वे रायपुर जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलेंगी और इस अपमान के बारे में उन्हें जानकारी देंगी।