भोजपुर और गया जिले में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में जन सुराज पार्टी ने पूर्व में घोषित अपने प्रत्याशियों को बदलते हुए नए प्रत्याशियों की घोषणा आरा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है. आरा के तरारी विधानसभा से जहां किरण देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, गया के बेलालगंज से मो. अमजद को प्रत्याशी घोषित किया गया है. अब तरारी विधानसभा उपचुनाव के लिए जन सुराज की प्रत्याशी किरण देवी होगी और गया के बेलागंज से मोहम्मद अमजद को नया प्रत्याशी घोषित किया गया है. इसकी घोषणा प्रशांत किशोर और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति में की गई.
नए चेहरों का चुनावी मैदान में उतरना
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद प्रशांत किशोर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न परिस्थितियों के कारण दोनों प्रत्याशियों को बदला गया है. पूर्व के प्रत्याशी और संभावित प्रत्याशियों में इसकी पूरी सहमति है. उन्होंने कहा कि तरारी में हमारी लड़ाई बाहुबल और बालू माफियाओं से और बेलागंज में 30-35 वर्षों का राजनीतिक वर्चस्व तोड़ने की लड़ाई हम लड़ रहे हैं.
भारतीय आर्मी के पूर्व अधिकारी का चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध
प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग के नियमों पर भी सवाल खड़े किए और बोले कि जो व्यक्ति भारतीय आर्मी के दूसरे सर्वोच्च पद पर रह चुका है. जो व्यक्ति बिहार का सबसे बेहतर बेटा है वो बताइये अपने गांव से चुनाव नहीं लड़ सकता है? ये कैसा नियम है? जन सुराज के प्रत्याशी को 28 अक्टूबर को सिंबल मिलेगा लेकिन 10 दिन के अंदर हर घर में जन सुराज का सिंबल पहुंच जाएगा.
आम जनता के बीच से चुनी गई किरण देवी
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि तरारी में चुनाव बहुत टफ नहीं है. जनसुराज के लिए यहां बाहुबल और बालूबाल से प्रत्याशी की लड़ाई है लेकिन जनसुराज का कोई प्रत्याशी न विधायक का बेटा है और ना ही किसी बाहुबली का बेटा है. वह आम जनता के बीच का चुना गया प्रत्याशी है और हमें ईमानदारी से चुनाव लड़ना है, जिसकी वजह से जनता हमें जीत भी दिलाएगी. तरारी के प्रत्याशी किरण देवी के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि किरण देवी के प्रोफाइल के बारे में तरारी की जनता मीडिया को बताएगी. किरण देवी बहुत ही स्वच्छ पहचान बनाने वाली महिला है. शिक्षा को लेकर के तरारी विधानसभा क्षेत्र में कई सालों से कम कर रही है. जनसुराज के पहले प्रत्याशी एसके सिंह के द्वारा ही किरण देवी का नाम आगे किया गया है. बिहार की चारों विधानसभा उप चुनाव में हमारी सफलता तय है. सभी पार्टियां पहले से चुनाव लड़ रही है, जिनका चुनाव चिन्ह सभी लोग जानते हैं परंतु आप सभी देख लीजिएगा 15 दिनों के अंदर हमारे पार्टी का चुनाव चिन्ह हर घर में पहुंच जाएगा और हम लड़ाई आसानी से जीतेंगे.
एसके सिंह का नाम मतदाता सूची में न होना
उन्होंने याद दिलाया 2011 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी और 2014 में नीतीश कुमार की पार्टी को हमने ही मदद कर उन्हें संकट से उबारा था. उन्होंने तरारी से एसके सिंह के प्रत्याशी नहीं बनने पर कहा कि जो शख्स राज्य और देश के लिए लड़ सकता है, उसका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया, जो गलत है. एक घंटे विलंब से पहुंचने पर प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से खेद व्यक्त करते हुए माफी भी मांगी.