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जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले में MP के इंजीनियर ने गंवाई जान, पलक झपकते ऐसे आई मौत

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सीधी ।   जिले के इंजीनियर अनिल शुक्ला रविवार रात जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। टनल निर्माण के दौरान आतंकियों ने इंजीनियर और मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। हमले में सात लोगों की मौत हुई है। जिले के रामपुर नैकिन जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम डिठौरा के अनिल शुक्ला (45) एक निजी कंपनी में बतौर मैकेनिकल इंजीनियर कार्यरत थे।जुलाई में अंतिम बार घर आए थे अनिलपरिजनों को सोमवार सुबह अनिल की मृत्यु की सूचना मिली। अनिल का एक पुत्र और एक पुत्री है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने आतंकी हमले को कायराना हरकत बताया है। साथ ही मृतक के स्वजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में हुए कायराना आतंकी हमले में मध्यप्रदेश के सीधी जिला अंतर्गत ग्राम डिठौरा के एक होनहार इंजीनियर अनिल जी शुक्ला के काल कवलित होने का समाचार हृदय विदारक है। दुःख की इस कठिन घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।

1995 से कश्मीर में रह रहे थे अनिल

पिता विश्वनाथ शुक्ला ने बताया कि बेटे से रोज फोन पर बात होती थी, कल भी बात हुई थी। जुलाई माह में वह घर आया था और जनवरी में फिर आना का कह गया था। उन्होंने बताया कि अनिल 1995 से कश्मीर में रह रहे थे।

उपराज्यपाल ने मुआवजा जारी करने को कहा

गगनगीर में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों के परिजनों को तुरंत वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधान सचिव (गृह विभाग, जम्मू-कश्मीर) चंद्राकर भारती को निर्देश दिया। एलजी ने एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी से बिना किसी देरी के मुआवजा जारी करने को भी कहा है। एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी के अधिकारियों ने उपराज्यपाल कोव पीड़ितों के परिजनों के सदस्यों को प्रदान की जा रही सहायता के बारे में जानकारी दी।

परिजनों को मिलेगा मुआवजा

एसआरई के तहत, प्रत्येक मारे गए नागरिक के परिजनों को छह लाख रुपये दिए जाएंगे और एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी द्वारा तत्काल उपाय के रूप में 15 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। सभी घायलों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। कंपनी कॉर्पोरेट व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसी के तहत ऑन रोल नागरिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता और बीमा से मुआवजे के रूप में उनके सकल सीटीसी का 5 साल भी प्रदान करेगी। सभी पीआरडब्ल्यू श्रमिक और तीसरे पक्ष के कर्मचारी कर्मकार मुआवजा नीति के अंतर्गत आते हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार और एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी परिजनों को हर संभव वित्तीय सहायता और आवश्यकतानुसार अन्य सहायता सुनिश्चित करेगी।