चांद पर कदम रखने वाले दुनिया के पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग थे। उन्होंने 21 जुलाई, 1969 को ये कारनामा कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर लिया था। इसके बाद 5 और अमेरिकी अभियान भी चांद पर भेजे गए, लेकिन इस बात को अब करीब 46 साल बीत चुके हैं। इतने सालों से चांद पर कोई भी इंसान नहीं गया है।
दरअसल, चांद पर किसी इंसान को भेजना काफी महंगा सौदा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर माइकल रिच का कहना है, ‘चांद पर इंसानी मिशन भेजने में काफी खर्च आया था, जबकि इसका वैज्ञानिक फायदा कम ही हुआ।’ यही कारण है कि कोई भी देश चांद पर इंसानों को भेजने से कतराते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा सालों से दूसरे अहम प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगा रहा है। इन सालों में नासा ने कई नए उपग्रह, बृहस्पति ग्रह पर खोज, अन्य आकाशगंगाओं और ग्रहों पर शोध किए हैं। ये भी कारण है कि चांद पर इंसानी मिशन भेजने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। हालांकि नासा हमेशा से चांद पर दोबारा इंसानों को भेजने की वकालत करता रहा है। उसने इसके लिए कई वैज्ञानिक कारण भी बताए हैं।