Home देश – विदेश  गुजरात में 20 साल में पर्यटकों की संख्या 61.65 लाख से बढ़कर...

 गुजरात में 20 साल में पर्यटकों की संख्या 61.65 लाख से बढ़कर 14 करोड़ पर पहुंची

3
0

अहमदाबाद | गुजरात में विकास की नींव डालने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ लिए जाने के 23 वर्ष पूर्ण होने पर गुजरात सरकार 7 से 15 अक्टूबर के दौरान विकास सप्ताह मना रही है। मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में गुजरात ने सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें पर्यटन उद्योग की सफलता ने समग्र विश्व का ध्यान खींचा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने पर्यटन तथा यात्राधामों के लिए जो विकास कार्य किए थे, उसके कारण आज वर्ल्ड टूरिज्म मैप पर गुजरात चमक रहा है।

आज से दो दशक पहले गुजरात का पर्यटन क्षेत्र में नाम-ओ-निशान नहीं था, जबकि आज विश्वभर के पर्यटकों के लिए गुजरात पसंदीदा राज्य बन गया है। वर्ष 2003-04 में राज्य में केवल 61.5 लाख पर्यटक आते थे, जिनकी संख्या वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ के पार हो गई। इनमें 22 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल हैं। इतना ही नहीं; वर्ष 2001-02 में पर्यटन विभाग का बजट केवल 12 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़ कर 1620.06 करोड़ रुपए हुआ है।

नरेन्द्र मोदी ने कच्छ में सफेद रण (रेगिस्तान) का पर्यटन की दृष्टि से महत्व समझा और वर्ष 2005 में ‘रणोत्सव’ की शुरुआत कराई। केवल 3 दिवसीय उत्सव के रूप में शुरू हुआ रणोत्सव आज 4 महीनों के लंबे कार्यक्रम में परिवर्तित हो गया है। गुजरात के लोकप्रिय उत्तरायण के त्योहार के प्रति देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव की शुरुआत की गई थी। अहमदाबाद स्थित काँकरिया तालाब परिसर में वर्ष 2009 से काँकरिया कार्निवल हर वर्ष मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त; वडनगर की बहनों की स्मृति में ताना-रीरी महोत्सव, मोढेरा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में भारतीय नृत्य संस्कृति को उजागर करने वाले उत्तरार्ध महोत्सव के कारण भी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, तो वाइब्रेंट गुजरात नवरात्रि महोत्सव के आयोजन से गुजरात का नवरात्रि उत्सव तथा गरबा विश्व स्तर पर विख्यात हुए हैं।

अखंड भारत के निर्माता लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से गुजरात में नर्मदा जिले के केवडिया में 182 मीटर यानी विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (एसओयू) का निर्माण किया गया है। एसओयू के आसपास के क्षेत्र में जंगल सफारी पार्क, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क, आरोग्य वन, वैली ऑफ फ्लॉवर्स, एकता मॉल, एकता नर्सरी, मियावाकी वन तथा मेज गार्डन सहित विभिन्न पर्यटन आकर्षणों का विकास किया गया है। केवडिया में रेलवे स्टेशन का निर्माण कर पर्यटकों को परिवहन के लिए सरल कनेक्टिविटी दी गई है। राज्य सरकार द्वारा केवडिया का टोटल टूरिज्म डेवलपमेंट के रूप में विकास किया जा रहा है।

26 जनवरी, 2001 को आए विनाशकारी भूकंप का शिकार हुए नागरिकों की स्मृति में कच्छ में स्मृति वन का निर्माण किया गया। कच्छ के भूकंप में अंजार शहर में मलबे में दफन हो गए बच्चों तथा शिक्षकों की स्मृति में अंजार शहर के बाहर वीर बाल स्मारक तैयार किया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 में किया गया है।

गुजरात में पर्यटन क्षेत्र को गति देने के उद्देश्य से ‘गुजरात टूरिज्म पॉलिसी’ तथा राज्य की ऐतिहासिक विरासतों-इमारतों तथा स्थलों को हेरिटेज टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘हेरिटेज टूरिज्म पॉलिसी’ लागू की गईं। इसी प्रकार; देश-विदेश के पर्यटक गुजरात की संस्कृति तथा परंपरा से अवगत हों और गुजराती व्यंजनों के स्वाद का आनंद उठा सकें; इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘गुजरात होम स्टे पॉलिसी’ भी लागू की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इसके अलावा; गुजरात में हस्तकला की समृद्ध परंपरा रही है, जिसे प्रमोट करने के लिए पर्यटन विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में हस्तकला उत्पादों के स्टॉल्स लगा कर राज्य के हस्तकला कारीगरों को उनकी कलाकृतियों के विक्रय के लिए योग्य प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाता है, जहाँ कारीगर उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं-उत्पादों की बिक्री कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनते हैं।

पिछले 23 वर्षों में पाटण स्थित राणकी वावा (रानी की बावड़ी), धोळावीरा, अहमदाबाद शहर तथा चाँपानेर का यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में समावेश हुआ है। यूनाइटेड नेशन्स एजेंसी वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन द्वारा कच्छ के धोरडो गाँव को ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’ घोषित किया गया है। यूनेस्को द्वारा गुजरात के गरबा को ‘अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ की सूची में स्थान दिया गया है। द्वारका में स्थित शिवराजपुर बीच को ‘ब्ल्यू फ्लैग बीच’ में स्थान प्राप्त हुआ है। यूनेस्को के प्रिक्स वर्सेल्स अवॉर्ड अंतर्गत भुज का स्मृति वन भूकंप मेमोरियल तथा म्यूजियम विश्व के 7 सर्वाधिक सुंदर म्यूजियम्स की सूची में शामिल हुआ है।

जूनागढ में गिरनार स्थित एशिया के सबसे बड़े गिरनार रोप-वे का निर्माण किया गया, जिससे श्रद्धालुओं; विशेषकर अधिक आयु के वरिष्ठ-बुजुर्गों के लिए माताजी के दर्शन सुलभ हुए हैं। गुजरात के विश्व प्रसिद्ध यात्राधाम अंबाजी में 51 शक्तिपीठ का निर्माण किया गया है। आद्यशक्ति धाम के दर्शन को आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अब एक ही स्थान पर एक साथ सभी 51 शक्तिपीठों के दर्शन का लाभ प्राप्त हो रहा है। पावागढ में माँ कालिका के नवनिर्मित मंदिर पर 500 वर्ष बाद स्वर्ण शिखर पर ध्वजारोहण किया गया है। सौराष्ट्र के समुद्री तट पर स्थित प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव मंदिर में पर्यटकों के लिए सुविधायुक्त सर्किट हाउस का निर्माण किया गया है। प्रसाद योजना अंतर्गत सोमनाथ धाम में यात्रियों की सुविधाओं के लिए अनेक विकास कार्य हो रहे हैं। जीएसआरटीसी ने स्लीपर कोच, एसी कोच तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए उच्चतम् स्तरीय लग्जरी कोच सहित नए प्रकार की सेवाएँ शुरू कर विभिन्न यात्राधामों को जोड़ा है। राज्य के विभिन्न यात्राधामों में सोलर रूफटॉप लगाने का कार्य किया जा रहा है।

भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति की एकता का दर्शन कराने वाली ‘सिंधु दर्शन यात्रा’ को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार सिंधु दर्शन यात्र पर जाने वाले गुजरात के यात्रियों को 15,000 रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। गुजरात के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थधामों के दर्शन कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा श्रवण तीर्थ दर्शन योजना चलाई जा रही है।