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भारत ने बांग्लादेश को 2-0 से हराकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में मजबूत स्थिति बनाई

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 ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत की बांग्लादेश पर अद्भुत विजय सिर्फ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप करने के लिए नहीं थी, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) तालिका में शीर्ष स्थान मजबूत करने के लिए भी थी। वर्षा प्रभावित मुकाबले में जब भारतीय टीम को मौसम का साथ मिला तो उसने टेस्ट मुकाबले को टी-20 अंदाज में खेलते हुए ढाई दिन के खेल में ही जीत अपने नाम कर ली।

41 साल से नहीं हारी कोई टेस्‍ट
टेस्ट इतिहास में भारत ने अब तक की सबसे आक्रामक शैली में खेलते हुए ट्रॉफी अपने नाम करने के साथ ग्रीन पार्क पर 41 वर्षों से चले आ रहे जीत के रिकॉर्ड को कायम रखा। भारत की इस जीत में बने रिकार्ड और टीम की शैली के कई मायने हैं। जो डब्ल्यूटीसी में उनके लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे। कानपुर में बांग्लोदश पर जीत हासिल करते ही भारत डब्ल्यूटीसी तालिका में फिर शीर्ष पर काबिज हो गया।

बारिश से प्रभावित रहा मैच
ग्रीन पार्क में भारतीय टीम ने पहले गेंदबाजी करते हुए वर्षा बाधित मुकाबले में बांग्लादेश को 233 रनों पर ऑल आउट कर दिया। इसके बाद टेस्ट में टी-20 अंदाज में खेलते हुए भारतीय टीम ने 34.4 ओवर में 285 रन बनाकर बांग्लादेश पर बढ़त हासिल कर पारी घोषित कर दी।

मैच के निर्णायक दिन भारत ने मेहमान बांग्लादेश के आठ विकेट 120 रन पर गिराकर जीत के लिए मिले 95 रनों के लक्ष्य को तीन विकेट के नुकसान पर 17.2 ओवर में ही हासिल कर लिया। दूसरी पारी में बांग्लादेश के छह बल्लेबाज दहाई के आकड़े तक नहीं पहुंच सके। जीत में जहां भारतीय बल्लेबाजों का बोलबाला रहा, वहीं गेंदबाजों ने बांग्लादेश को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

दूसरी पारी में विराट और यशस्वी जमे
टेस्ट मैच की पहली पारी में 72 रन बनाने वाले यशस्वी दूसरी पारी में भी डटे रहे। जीत के लिए मिले 95 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को पहला झटका कप्तान रोहित (8) के रूप में लगा। रोहित आठ रन बनाकर मेहदी हसन का शिकार हुए।

इसके बाद यशस्वी का साथ देने आए शुभमन गिल (6) रन पर मेहदी हसन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए। 34 रनों पर दो विकेट गिरने के बाद यशस्वी और विराट ने तेजी से खेलते हुए टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। यशस्वी ने 45 गेंदों में आठ चौके व एक छक्के की मदद से 51 रन बनाए।

हालांकि उनके आउट होने के बाद विराट (29) और रिषभ पंत (4) ने टीम को जीत दिलाई। इससे पहले चौथे दिन के दो विकेट पर 26 रन से आगे खेलने उतरी बांग्लादेश को दिन के तीसरे ओवर में ही अश्विन ने सबसे बड़ा झटका दिया। अश्विन ने (2) के निजी स्कोर पर हक को लेग स्लिप पर राहुल के हाथों कैच कराकर पवेलियन की राह दिखाई।

अश्विन ने की मुरलीधरन की बराबरी
टेस्ट सीरीज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेयर ऑफ द सीरीज और यशस्वी जायसवाल को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। अश्विन सीरीज में खेले गए दो मैच में 114 रन बनाने के साथ ही 11 विकेट चटकाए।

वहीं, यशस्वी ने ग्रीन पार्क टेस्ट की पहली पारी में 72 और दूसरी पारी में 51 रन बनाकर टीम को अहम मुकाबले में अच्छी शुरुआत दिलाई। इसके साथ ही दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन विकेट हासिल करने वाले अश्विन 11वीं बार सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज बने।

कानपुर में अश्विन ने श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की बराबरी कर ली। अश्विन ने इमरान खान, न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज सर रिचर्ड हेडली, आस्ट्रेलिया के स्पिनर शेन वार्न, दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कैलिस को पीछे छोड़ दिया।

180 टेस्ट मैच जीतकर चौथे स्थान पर पहुंचा भारत
ग्रीन पार्क टेस्ट में भारत की जीत कई रिकॉर्ड की साक्षी रही। टेस्ट में टी-20 से भी तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन बनाने का रिकॉर्ड भारत ने पहली पारी में बनाया। वहीं, दूसरी पारी में जीत हासिल करने ही भारत विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच जीतने के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। भारत ने 581 टेस्ट मैच में 180 में जीत और 178 में हार मिली। भारत 222 ड्रॉ मुकाबले खेल चुका है। जबकि एक मुकाबला उनका टाई हुआ। भारत से आगे 414 टेस्ट जीत के साथ आस्ट्रेलिया पहले, 387 जीत के साथ इंग्लैंड दूसरे और 183 जीत हासिल कर वेस्टइंडीज तीसरे स्थान पर है।