जगदलपुर। आचार संहिता क्या लगा निगम के निचले दर्जे के कर्मी अपने आप को जुडिसयल पावर से लैस मैन रहे हैं। इतना दुस्साहस की वे गुरुवार को बिना कारण, बिना कोर्ट नोटिस, बिना महिला पुलिस लिए एक सीनियर सिटीजन महिला के भवन को सील करने पहुंच गए। जब उनसे कागजात की मांग की गई तब जाकर इन नकली जुडिसयल पावर वालों की पोल खुली और वे वहाँ से चलते बने।
मामला ये है कि बालाजी वार्ड निवासी जयश्री श्रीवास्तव की पट्टे वाली जमीन है। उनके पास 2032 तक का पट्टा है। उन्होंने भवन बनाने नगर निगम से बाकायदा 2015 में भवन निर्माण अनुज्ञा हासिल की थी। भवन का भूतल बन गया था। प्रथम तल का निर्माण लेंटल लेवल तक बन गया था। इस बीच नगर निगम ने नोटिस भेजा कि यह निर्माण अवैध है। इसके बाद जयश्री श्रीवास्तव ने सभी कागजात निगम को उपलब्ध कराकर अनुज्ञा नवीनीकरण की अनुमति मांगी।
8 माह बाद निगम की अपीलीय समिति के पास मामला गया। इस बीच भवन निर्माण की सामग्री चोरी हो गई। उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचा। निगम की अपीलीय समिति ने भी भवन अनुगया को स्थगित रखने का निर्णय दिया। समिति का सम्मान करते प्रथम तल का सेंट्रिंग हटा दिया। इसके बावजूद निगम लगातार भवन तोड़ने। सील करने बुजुर्ग महिला को प्रताड़ित कर रहा है।
क्या शहर में सभी निर्माण वैद्य हैं?
निगम एरिया में बिना पट्टे वाली जमीन पर बहुमंजिला भवन बन गए हैं। बिना अनुज्ञा के कॉलोनियां बन गई हैं। उनपर करवाई करने की बजाय एक महिला पर रोजाना करवाई करना कई सवालों को जन्म देता हैं।