जगदलपुर। अमृतसर में जिस वक्त ट्रेन हादसा हुआ, उस समय जोड़ा फाटक के पास रेल पटरियों पर खड़े होकर लोग रावण दहन देख रहे थे.जैसे ही रावण जलना शुरू हुआ आस-पास धुआं छा गया. तेज आतिशबाजी होने लगी. इस दौरान यहां से होकर ट्रेन गुजरी. देखते ही देखते लोग कटने लगे. हर तरफ चीखें सुनाई देनी लगी और भगदड़ मच गई.
सवाल यह उठता है कि लोगों की इतनी भीड़ देखकर भी रेल ड्राइवर ने ट्रेन क्यों नही रोकी. सूत्रों के मुताबिक रेल ड्राइवर ने कहा कि रावण जलने की वजह से आसपास काफी धुआं था, घटनास्थल पर रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए उसे कुछ दिखाई नहीं दिया. रेल अधिकारी का भी कहना है कि वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से ड्राइवर कुछ भी देखने में असमर्थ था.इसके अलावा ट्रेन भी घुमावदार मोड़ पर थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल ड्राइवर की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया गया है, रेल अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रावण दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर इकट्ठा होना “साफ तौर पर अतिक्रमण का मामला” है और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा स्थानीय प्रशासन को कोई मंजूरी नहीं दी गई थी.