जगदलपुर ।गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आज अधिवक्ता संघ एवं अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के संयुक्त तत्वावधान में जगदलपुर में गुरू पूर्णिमा पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया।
गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरंभ में आती है। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की प्रदेश अध्यक्ष झंरना बांगर ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
अशफाक खान ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान को रोकना नहीं, ज्ञान को देना है।
सतीश जैन ने कहा कि कभी-कभी स्वयं की गलती भी सबसे बड़ी शिक्षा देती है । विष्णु दत्त मिश्रा ने कहा कि माता-पिता ही प्रथम गुरु है।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्तागणों विष्णु दत्त मिश्रा, आनंद मिश्रा,अशफाक खान, घनश्याम साहू, एन के देवांगन, अनिल तिवारी, सतीश जैन,शकील अहमद को शाल श्रीफल एवं पुष्प गुच्छ देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया।
मंच का संचालन सपन देवांगन ने किया इस दौरान अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरूण दास, झरना बांगर, संतोष जैन, दिनेश पानीग्राही, सरिता सतपथी, आरती दुआ, ईशनारायण पांडे, माधुरी यादव, सुर्य प्रकाश राव, विनोद जैन, मलय झा,बंसत जोशी, बालकृष्ण मिश्र, शशांक ठाकुर, आंनद विश्वकर्मा, सपन देवांगन सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित थे।