जगदलपुर। शहर जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य ने राजीव भवन जगदलपुर में प्रेसवार्ता आयोजित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा..कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर प्रवास के दौरान नगरनार स्टील प्लांट का लोकार्पण के दौरान अपने ही रेलवे व इस्पात मंत्री को न बुलाया गया इससे साबित होता है कि देश के प्रधानमंत्री सिर्फ और सिर्फ तानाशाह रवैया अपना रहे हैं…
रावघाट रेललाइन परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यू चुप्पी साधी?26 सितंबर 2018 को 17000 करोड़ की लागत से बनने वाली डिलमिली पावर मेगा प्लांट की हुई घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आखिर कुछ नहीं बोला..?*
*कोरापुट से किरन्दुल रेललाइन की स्वीकृति कॉंग्रेस सरकार में स्वीकृत हुआ उस रेललाइन का कार्य अब तक क्यों नहीं हुआ..?*
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को झूठ बताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यको का अपमान कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का भी कुत्सित प्रयास किया..जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि,देश के संसाधनों पर पहला हक सिर्फ आदिवासीयो का है…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झूठ बयानबाज़ी कर मुस्लिम, जैन,सिक्ख, ईसाई पारसियों को अपमानित किया…
जिलाध्यक्ष मौर्य ने कहा,एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में बस्तर की जनता का जो बस्तर बंद को लेकर समर्थन मिला है. उसे देखकर कहा जा सकता है कि, बस्तर की जनता मोदी सरकार के निजीकरण के फैसले से कितनी नाराज है, सुबह से ही व्यापारियों ने अपने-अपनी संस्थाने स्वस्फूर्त बंद रखी और अपना विरोध जताया.भाजपा के नेता प्रधानमंत्री के सभा में हजारों लोगो के भीड़ जुटने का दावा तो कर रही है लेकिन असल में बस्तर की जनता ने सभा का बहिष्कार किया है, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बड़े-बड़े दावे तो किये लेकिन निजीकरण के फैसले को वापस लेने पर कोई बयान नहीं दिया
प्रधानमंत्री मोदी सत्ता की भूख में झूठ बोलकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा गिरा रहे है।बस्तर में प्रधानमंत्री ने फिर झूठ बोला कि धान केंद्र सरकार खरीदती है जबकि धान खरीदी भूपेश सरकार अपने दम पर करती है। प्रधानमंत्री ने झूठ बोला कि वनोपज केंद्र सरकार खरीदती है जबकि हकीकत यह है कि वनोपज राज्य सरकार खरीदती है और देश का 70 प्रतिशत वनोपज अकेले भूपेश सरकार खरीदती है। प्रधानमंत्री नगरनार संयंत्र नहीं बेचने के संबंध में कुछ नहीं बोले उल्टा विनिवेशीकरण का फायदा गिनाकर गये। इसका मतलब है मोदी सरकार बस्तर के लोगों के भावनाओं के खिलाफ नगरनार संयंत्र को बेचेगी। मोदी ने 15 साल के भ्रष्टाचार, कुशासन और बस्तर के शोषण के लिये बस्तर की जनता से माफी नहीं मांगा। बस्तर के आदिवासियों का भाजपा राज में जो कत्लेआम हुआ था उस पर भी प्रधानमंत्री चुप रहे।
इस प्रेसवार्ता में मुख्य रूप संसदीय सचिव विधायक जगदलपुर रेखचन्द जैन, महापौर सफिरा साहू, निगम अध्यक्ष कविता साहू सहित अन्य शामिल रहे…