जगदलपुर। छ. ग.प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दामों का ठीकरा पिछली सरकारों के माथे फोड़कर प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका झूठ से बहुत पुराना नाता अभी भी बदस्तूर कायम है। उन्होंने पूछा है कि क्या मोदी सरकार केंद्रीय एक्साइज और कस्टम ड्यूटी में की गई भारी भरकम वृद्धि को वापस लेने का साहस दिखा पाएगी ?
प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि दरअसल पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि के लिए और इसके परिणाम स्वरूप परिवहन लागत में वृद्धि के कारण हो रही दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी के लिए मोदी सरकार की गलत नीति ही जिम्मेदार हैं। अपनी गलतियों का ठीकरा मोदी पूर्व की केंद्रीय सरकार पर थोपकर सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल क्रूड ऑयल की कीमत लगातार कम हुई है। यूपीए सरकार के समय क्रूड ऑयल की कीमत 107 डॉलर से अधिक हो चुकी थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की औसत कीमत $50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम रही है लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार में पेट्रोल, डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पेट्रोल तो सेंचुरी बना रहा है और रसोई गैस हजार का आंकड़ा छू रही है। भारत से इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मलेशिया, इजरायल जैसे 15 देशों को ₹34 प्रति लीटर पर पेट्रोल और 29 देशों को ₹37 प्रति लीटर पर डीजल बेचा जा रहा है। मोदी सरकार महंगे दामों के पेट्रोल, डीजल बेचकर देश की जनता के साथ विश्वासघात कर रही है। पेट्रोल, डीजल का दाम बढ़ाकर और इसके लिए पूर्ववर्ती केंद्रीय सरकारों को दोषी ठहरा कर मोदी सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही थी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ढाई रुपए और 4 रुपए कम करके इसे कृषि और इंफ्रा सेस के नाम पर वसूला जा रहा है। मोदी सरकार की इस कलाबाजी का सीधा नुकसान राज्यों को होगा। केंद्र सरकार का यह निर्णय राज्यों की अर्थव्यवस्था को खराब करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है। एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी जैसे करों के कुल राजस्व का इसका राज्यों को भी मिलता है। छत्तीसगढ़ को पहले ही जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि लगभग 3700 करोड, कोल की रॉयल्टी लगभग 4540 करोड़, मनरेगा सहित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की राशि देना केंद्र सरकार को बाकी है। अब केंद्र सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को 900 से 1000 करोड़ से अधिक का सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में राज्यांश नुकसान होने जा रहा है। एक ओर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम बढ़ाकर केंद्र की भाजपा सरकार गृहणियों का घरेलू बजट बिगाड़ रही है, गैस सब्सिडी में पहले ही अघोषित कटौती कर दी गई है, वहीं दूसरी ओर राज्यों की वित्तीय व्यवस्था को भी बिगाड़ने में लगी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि केंद्र सरकार के संघीय ढांचे के खिलाफ़ इन जनविरोधी फैसलों से राज्यों का विकास प्रभावित होगा और वित्तीय संतुलन में लगातार फर्क आएगा।