सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय (आरओबी), रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज, 25 जनवरी 2021 (सोमवार) को दोपहर 12.00 बजे से 01.00 बजे तक ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया । इस वेबिनार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड अधिकारियों के अलावा नेहरू युवा केन्द्र तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक, लोक कलाकार और छात्र-छात्राएं इस वेबिनार में शामिल हुए ।
वेबिनार को संबोधित करते हुए उत्तर बस्तर-कांकेर की जिला बाल विकास अधिकारी, श्रीमती रीना लारिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे के प्रयासों का सकारात्मक असर अब दिखाई देने लगा है । जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में छत्तीसगढ़ में लिंगानुपात कहीं बेहतर है । इसमें आदिवासी समाज में महिलाओं को दी जाने वाली प्रमुखता और सम्मान का भी योगदान है । उन्होंने बताया कि पहले नि:संतान दंपत्ति बालक शिशु को गोद लेने की इच्छा रखते थे, लेकिन अब, कन्या शिशु को गोद लेने में प्राथमिकता दे रहे हैं । नि:संदेश यह समाज हो रहे बदलाव के संकेत हैं ।
पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के सहायक निदेशक, श्री सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू होने के बाद से देश में लिंगानुपात में सकारात्मक बढ़ोत्तरी हुई है । उन्होंने बताया कि इस योजना के समय लिंगानुपात जहां 1000 जनंसख्या पर 918 थी, अब वह बढ़कर 924 हो गई है, यानि 16 प्वाइंट की सकारात्मक बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है ।
इस अवसर पर सामाजिक संगठन, शिवी फाउंडेशन की समन्वयक, सुश्री पूर्णिमा साहू ने बताया कि उनकी संस्था बस्तर संभाग के पांच जिलों में महिला सशक्तिकरण और बालिका कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रही है । उन्होंने बताया कि उनका फाउंडेशन बालिका शिक्षा के साथ ही साथ महिलाओं की शारीरिक समस्याओं पर भी जन-जागरूकता अभियान संचालित कर रहा है । सुश्री साहू ने बताया कि अंचल के गांवों में आर्थिक विपन्नता और जागरूकता की कमी की वजह से 10 में से केवल 02 बालिकाएं ही स्कूली शिक्षा पूरा कर पाती हैं । बालिकाओं शिक्षा के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही समाज को भी और अधिक समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है ।
महिला स्व-सहायता समूह, कांकेर की प्रमुख, श्रीमती देहरीन मटियारा ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की वजह से लिंगानुपात में सकारात्मक बढ़ोत्तरी होना, इस आंदोलन की बहुत बड़ी उपलब्धि है । शासन की योजनाओं के फलस्वरूप अब अंचल की महिलाएं न केवल घर से निकलकर, बाहर काम कर रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रही हैं ।
इसके पूर्व वेबिनार के प्रारम्भ में रीजनल आऊरीच ब्यूरो (आरओबी), रायपुर के कार्यालय प्रमुख, श्री शैलैष फाये ने सभी अतिथि वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया और वेबिनार आयोजन के उद्देश्यों पर संक्षिप्त जानकारी दी ।
कार्यक्रम के अंत में फील्ड आऊरीच ब्यूरो (एफओबी), कांकेर की प्रचार अधिकारी, सुश्री श्वेता शर्मा ने वेबिनार में शामिल सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और इस विषय पर किए जा रहे प्रचार-प्रसार की संक्षिप्त जानकारी दी ।