नागपुर। आज पूरे देश में दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वॉर्टर नागपुर में शस्त्र पूजा की गई। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में देश के कई महप्तवपूर्ण बातों पर ध्यान आकर्षित किया। भागवत ने चीन मामले पर पीएम मोदी की पीठ ठोकी साथ में भागवत ने चीन के दोगुले रवैये से आगाह भी कराया।
भागवत का चीन पर निशाना
भागवत ने कहा कोरोना महामारी में चीन का नाम आता है। पता नहीं क्या है। शंकाएं हैं। लेकन चीन इस समय में अपने और सामरिक बल के अभिमान में हमारी सीमाओं का जो अतिक्रमण किया और जिस प्रकार किया और कर रहा है पूरी दुनिया के साथ, यह पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट है।
भारत के लोगों का एकजुट होने से चीन को पहली बार हमारी अलग ताकत का अहसास हुआ होगा। उसे अब समझ जाना चाहिए। चीन की तरह का ख्याल जो भी मन में रखते हैं, उनको समझ जाना चाहिए कि हम इतने कच्चे नहीं हैं। ऐसी स्थिति कभी भी आएगी तो हमारी तैयारी, दृढ़ता और सजगता कम नहीं है।
भारत की प्रतिक्रिया से सहमा चीन
आरएसएस चीफ ने कहा, ‘चीन के विस्तारवादी स्वभाव को सब जानते हैं। इस बार उसने एक साथ ताइवान, वियतनाम, अमेरिका, जापाना और भारत के साथ-साथ झगड़ा मोल लिया। लेकिन इस बार अंतर है। इस बार भारत ने उसकी जो प्रतिक्रिया दी, उसके कारण वह सहम गया। उसको धक्का मिला। क्योंकि भारत तन के खड़ा हो गया। भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया, भारत के नागरिकों ने अपनी देशभक्ति का परिचय दिया।’
चीन को दुनिया अब डांटने लगी है
नागपुर में आरएसएस हेडक्वार्टर में अपने संबोधन पर सर संघ संचालक मोहन भागवत ने कहा कि सामरिक और आर्थिक दृष्टि से वह ठिठिक जाए इतना धक्का तो उसे मिला है। इसके कारण दुनिया के बाकी देशों ने भी चीन को अब डांटना शुरू किया है। उसके सामने खड़ा होना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण अब और सजगह रहने की जरूरी है। क्योंकि जो नहीं सोचा था, वह परिस्थिति उसके सामने खड़ी हो गई है। उसकी प्रतिक्रिया में वह क्या करेगा, पता नहीं। इसका उपाय सावधानी और सामरिक तैयारी है। सामरिक,आर्थिक और कूटनीतिक में हमें चीन से बड़ा होना पड़ेगा। हमको यह करते रहना पड़ेगा, ऐसा करेंगो तो ही चीन को रोक पाएंगे।