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इंदौर के यशवंत क्लब पर उठे सवाल, कांग्रेस नेता ने लिखा- क्लब शराबखोरी का अड्डा बन गया है

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इंदौर: इंदौर के प्रतिष्ठित यशवंत क्लब में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। क्लब में नए सदस्य बनाने की प्रक्रिया को लेकर कुछ लोगों ने सहकारिता विभाग और कलेक्टर से शिकायत की थी। इसके बाद अब कांग्रेस नेता ने यशवंत क्लब को खेल विभाग के अधीन करने की मांग उठाई है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि यशवंत क्लब अब शराबियों, जुआरियों, सट्टेबाजों और भूमाफियाओं का अड्डा बन गया है। कभी कुलीन वर्ग का यह क्लब आज सरकारी कलाली का अहाता बन गया है।

कांग्रेस नेता ने सीएम को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर यशवंत क्लब के अधिग्रहण की मांग की है। उन्होंने क्लब की विस्तृत रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी है। यादव ने मांग की है कि यशवंत क्लब को खेल विभाग के अधीन किया जाए और फर्म और सोसायटी में इसका रजिस्ट्रेशन समाप्त किया जाए।

क्रिकेट मैदान को आईडीसीए को सौंपने की मांग

राकेश सिंह यादव के अनुसार यशवंत क्लब में मौजूद क्रिकेट मैदान को इंदौर जिला क्रिकेट संघ (आईडीसीए) को सौंप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आईडीसीए के पास क्रिकेट खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कोई मैदान उपलब्ध नहीं है। इससे इंदौर के क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में है। 

क्लब की सुविधाओं का दुरुपयोग

यादव ने आरोप लगाया कि यशवंत क्लब में मौजूद टेनिस, स्क्वैश, बास्केटबॉल और बैडमिंटन जैसी खेल सुविधाओं का उपयोग शराबी और भू-माफिया अपने मनोरंजन के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्लब की 14 एकड़ जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जो गलत है। 

मुख्यमंत्री मोहन यादव से की गई मांग 

  • क्रिकेट और फुटबॉल मैदान को आईडीसीए को सौंप दिया जाना चाहिए।
  • क्लब की 14 एकड़ जमीन के व्यवसायिक उपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।
  • अवैध रूप से बनाए गए हॉल में शादी समारोह, प्रदर्शनी और व्यवसायिक पार्टियों पर रोक लगाई जानी चाहिए।
  • आम लोगों के लिए वॉकिंग ट्रैक खोले जाने चाहिए।
  • सरकार को फर्म और सोसायटी से रजिस्ट्रेशन खत्म कर तीन साल के लिए 7 सदस्यों का संचालक मंडल बनाना चाहिए।
  • सदस्य बनाने की नीति बनाकर पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।यशवंत क्लब खेल गतिविधियों के लिए पंजीकृत है, इसलिए शराब और सिगरेट पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

यशवंत क्लब की स्थापना 1934 में इंदौर के महाराजा सर तुकोजी राव तृतीय होलकर के निर्देश पर की गई थी। यह क्लब उनके बेटे युवराज यशवंत राव होलकर के लिए बनाया गया था। कांग्रेस नेता का आरोप है कि 14 एकड़ में फैले इस क्लब की करोड़ों रुपए की जमीन का इस्तेमाल अब कुछ लोग शराब की दुकान के तौर पर कर रहे हैं।