केंद्रीय बजट 2025 के बारे में कई अहम उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विषयों पर चर्चा करते हैं:
सोने पर आयात शुल्क: सोने को लेकर काफी चर्चा हो रही है, खासकर सर्राफा बाजार और ज्वेलरी उद्योग में। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जो निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों पर प्रभाव डाल सकता है। आयात शुल्क बढ़ाने से सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है, लेकिन यह सरकार की तरफ से सोने के आयात को नियंत्रित करने का एक तरीका भी हो सकता है।
2025 के केंद्रीय बजट के बारे में कई अहम उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विषयों पर चर्चा करते हैं:
सोने पर आयात शुल्क: सोने को लेकर काफी चर्चा हो रही है, खासकर सर्राफा बाजार और ज्वेलरी उद्योग में। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जो निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों पर प्रभाव डाल सकता है। आयात शुल्क बढ़ाने से सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है, लेकिन यह सरकार की तरफ से सोने के आयात को नियंत्रित करने का एक तरीका भी हो सकता है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय: सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर है और 3 लाख करोड़ रुपये का बजट एनएच-एक्सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। इससे न केवल सड़क परिवहन की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी सुधार हो सकती है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के तहत वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि किसानों की मदद के लिए राशि बढ़ाई जा सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। 12000 रुपये तक की राशि की उम्मीद है, जिससे किसानों को और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकती है।
आयकर रियायतें: सैलरीड पर्सन और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स में रियायत की संभावना है। यह कदम खास तौर पर मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए हो सकता है, जिससे उनकी खरीदारी क्षमता और निवेश के विकल्प बढ़ सकें।
न्यू टैक्स रिजीम: विशेषज्ञों का सुझाव है कि न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार घर के मालिकाना हक को प्रोत्साहित कर सकती है। इससे न केवल नागरिकों को घर खरीदने में मदद मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी सुधार हो सकता है।
प्राइवेट सेक्टर और निवेश: प्राइवेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं होने की उम्मीद है। इससे रोजगार सृजन और उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
समग्र रूप से, बजट 2025 से आम जनता, किसानों, प्राइवेट सेक्टर, और निवेशकों को कई उम्मीदें हैं, और यह देखा जाएगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन प्रमुख मुद्दों पर क्या फैसले लेती हैं।
सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर है और 3 लाख करोड़ रुपये का बजट एनएच-एक्सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। इससे न केवल सड़क परिवहन की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी सुधार हो सकती है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के तहत वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि किसानों की मदद के लिए राशि बढ़ाई जा सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। 12000 रुपये तक की राशि की उम्मीद है, जिससे किसानों को और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकती है।
आयकर रियायतें: सैलरीड पर्सन और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स में रियायत की संभावना है। यह कदम खास तौर पर मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए हो सकता है, जिससे उनकी खरीदारी क्षमता और निवेश के विकल्प बढ़ सकें।
न्यू टैक्स रिजीम: विशेषज्ञों का सुझाव है कि न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार घर के मालिकाना हक को प्रोत्साहित कर सकती है। इससे न केवल नागरिकों को घर खरीदने में मदद मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी सुधार हो सकता है।
प्राइवेट सेक्टर और निवेश: प्राइवेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं होने की उम्मीद है। इससे रोजगार सृजन और उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
समग्र रूप से, बजट 2025 से आम जनता, किसानों, प्राइवेट सेक्टर, और निवेशकों को कई उम्मीदें हैं, और यह देखा जाएगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन प्रमुख मुद्दों पर क्या फैसले लेती हैं।
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