रायपुर। सोशल एंड आरटीआई एक्टविस्ट कुणाल शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के 82 फ़ीसदी आरक्षण के फैसले को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चैलेंज किये जाने की हमारी तैयारी पूर्ण है। अभी तक हमारा इंतज़ार 82 फ़ीसदी आरक्षण वाले इस निर्णय का राजपत्र में आने का था।
श्री शुक्ला ने आगे कहा कि हरियाणा से जाट आरक्षण को माननीय हाईकोर्ट ने असंवैधानिक कह कर रोक लगाई है।राजस्थान से गुर्जर आरक्षण को माननीय हाईकोर्ट ने असंवैधानिक कह कर रोक लगाई है।महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को माननीय हाईकोर्ट ने असंवैधानिक कह कर रोक लगाई है।मध्यप्रदेश से 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण को माननीय हाईकोर्ट ने असंवैधानिक कह कर रोक लगाई है।
माननीय उच्च न्यायालय के इन्हीं निर्णयों तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी विरुद्ध केंद्र सरकार पर दिए गए निर्णय,संविधान के अनुच्छेद 16 में आरक्षण की दर पचास प्रतिशत से अधिक नहीं किये जाने का स्पष्ट उल्लेख का हवाला देते हुए हम न्याय की गुहार लगाएंगे।हमें उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि माननीय हाईकोर्ट इस मामले पर न्यायोचित फैसला देगा।