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राजनांदगांव: पुलिस भर्ती प्रक्रिया रद, कांस्टेबल ने की थी आत्महत्या, भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे

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राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में होने वाली पुलिस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने आदेश जारी किया। यह भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही सवालों के घेरे में थी। भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया में शामिल कुछ आरक्षकों को जांच के घेरे में लिया गया था। इनमें से एक आरक्षक ने हाल ही में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

31 अभ्यर्थियों का डाटा संदिग्ध, एक को जेल भेजा गया

  • इस बीच पुलिस आरक्षक भर्ती शारीरिक दक्षता परीक्षा में फर्जीवाड़े की परतें खुलती जा रही हैं। भर्ती के दौरान सॉफ्टवेयर में 31 अभ्यर्थियों का डाटा संदिग्ध पाया गया है। इनमें से एक अभ्यर्थी मीना है।
  • मंगलवार को लालबाग पुलिस ने कबीरधाम बांधा पंडरिया निवासी 32 वर्षीय मीना पात्रे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, जिन अभ्यर्थियों का डाटा संदिग्ध पाया गया है, उनका सत्यापन किया जा रहा है।
  • सत्यापन के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पुलिस ने शारीरिक दक्षता परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों और टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के दो कर्मचारियों को जेल भेजा था।
  • मामले में अब तक कुल सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 14 दिसंबर को मीना पेंड्री स्थित आठवीं बटालियन में शारीरिक दक्षता परीक्षा देने आई थी। इस परीक्षा के दौरान उसने पुलिसकर्मी को रिश्वत की पेशकश की थी। 

सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल चैटिंग से खुला राज

शारीरिक दक्षता परीक्षा के हर इवेंट जैसे दौड़, ऊंचाई, ऊंची कूद, गोला फेंक के दौरान मीना ने पुलिसकर्मी को रिश्वत की पेशकश की थी। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान के बाद रिश्वत का राज खुला। पुलिस ने मीना को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में उसने अपने परिचित पुलिसकर्मी के जरिए आर्थिक लाभ पहुंचाने की बात स्वीकार की। बता दें कि मीना को गोला फेंक स्पर्धा में 20 में से 20 अंक मिले थे, जिसके बाद गोला फेंक स्पर्धा की प्रभारी डीएसपी तनुप्रिया को संदेह हुआ। इसके बाद मैनुअल और सॉफ्टवेयर में जांच की गई। जांच में पता चला कि 11 की जगह 20 अंक दिए गए थे।