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टीम इंडिया को चैंपियन बनाने धोनी ने दी थी ढाई साल पहले कुर्बानी, वर्ल्ड कप से महज है दो कदम दूर

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टीम इंडिया वर्ल्ड कप ताज से महज दो कदम दूर है. भारतीय टीम को तीसरी बार विश्व चैम्पियन बनने के लिए सिर्फ दो जीत की जरूरत है. 14 जुलाई को लॉर्ड्स में इतिहास रचने से पहले उसे मंगलवार को मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड की चुनौती ध्वस्त करनी होगी.

टीम इंडिया एक बार और चैम्पियन बनने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रही है, तो दूसरी तरफ मौजूदा वर्ल्ड कप में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचना हो रही है. ऐसी चर्चा जोरों पर है जो क्रिकेट की दुनिया को चौंका सकती है.यह कयास लगाए जा रहे हैं कि टूर्नामेंट में विराट ब्रिगेड का अभियान पूरा होते ही भारत का यह पूर्व कप्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देगा.

38 साल के हो चुके धोनी की करियर के इस अहम पड़ाव पर आलोचना नहीं, सराहना होनी चाहिए. महेंद्र सिंह धोनी मौजूदा वर्ल्ड कप के लिए ढाई साल पहले ही अपना योगदान दे चुके हैं और उनका यह अभियान अब भी जारी है. दरअसल, उन्होंने जनवरी 2017 में कप्तानी (सीमित ओवरों के प्रारूप से) छोड़ने का फैसला किया और विराट कोहली को अपना उत्तराधिकारी बनाने का रास्ता बनाया था.धोनी का कप्तानी से हटना भारतीय प्रशंसकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था, क्योंकि धोनी ने अचानक यह निर्णय लिया था.

पिछले साल सितंबर में धोनी यह खुलासा कर चुके हैं कि- ‘मैंने कप्तानी से इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं चाहता था कि नए कप्तान (विराट कोहली) को 2019 के वर्ल्ड कप से पहले एक टीम तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिले.

सच्चाई तो यह है कि तब धोनी से किसी ने कहा नहीं था कि वह वर्ल्ड कप के लिए नया कप्तान तैयार करें. यह फैसला शत प्रतिशत उनका था. तब तक 283 में से 199 वनडे में कप्तानी कर चुके धोनी का मानना था कि नए कप्तान को उचित समय दिए बिना एक मजबूत टीम का चयन करना संभव नहीं है. और उन्होंने टीम हित में विराट की कप्तानी में खेलने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार भी कर लिया था.

विराट कोहली भी कह चुके हैं, ‘जब मैं पहली बार भारतीय ड्रेसिंग रूम में गया था तब धोनी मेरे कप्तान थे. आज बेशक मैं भारतीय टीम का कप्तान हूं, लेकिन मेरे लिए वह हमेशा मन से मेरे कप्तान बन रहेंगे.’ आज इसी का नतीजा है कि भारतीय टीम टीम 1983 और 2011 के बाद एक बार फिर से वर्ल्ड कप जीतने की दहलीज पर है.