छत्तीसगढ़ विधानसभा में पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं। जमकर आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। अब इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की। लोकतंत्र के मंदिर में कांग्रेस की गुंडागर्दी शर्मनाक है। लोकतंत्र और संविधान के नाम पर पूरे देश में ढोल पीटने वाले कांग्रेसी संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की आजादी का खुलेआम मजाक उड़ाकर लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को विधानसभा में पत्रकार के साथ बदसलूकी कर उन्होंने न सिर्फ अपने दागदार राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है, बल्कि इस धारणा की भी पुष्टि कर दी है कि कांग्रेस अब अपना पूरी तरह हिंसक चेहरा दिखा रही है। एक तरफ गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में बुजुर्ग सांसदों को धक्का दिया जा रहा है और उनके सिर फोड़े जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े ने खुलेआम कांग्रेस नेताओं को कलेक्ट्रेट में घुसकर बलौदाबाजार की तरह तोड़फोड़ करने का आह्वान किया है। अब छत्तीसगढ़ विधानसभा में जब एक पत्रकार ने सवाल पूछा तो पहले पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें उंगलियां दिखाईं और फिर कांग्रेस विधायकों ने उन्हें घेरकर धक्का-मुक्की की।
पत्रकार को धमकाते हुए कहा गया कि अपनी हद में रहो। उनके साथ बदसलूकी की गई, उनका माइक और कैमरा छीन लिया गया। लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित किसी भी सभ्य समाज के लिए ऐसा दृश्य बेहद शर्मनाक है। कांग्रेस सिर्फ हिंसा कर रही है: देव: उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कांग्रेस सिर्फ हिंसा कर रही है। छत्तीसगढ़ और खासकर विधानसभा परिसर में ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया जब एक पत्रकार को घेरकर घुटनों के बल बैठाने की कोशिश की गई, एक पत्रकार का माइक खींचा गया, कैमरा छीन लिया गया और उस पत्रकार को अपनी हद में रहने को कहा गया। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। शुक्रवार को कांग्रेस ने राज्य विधानसभा में जो कृत्य किया है। यह बिल्कुल अक्षम्य है।
'पूर्व सीएम बघेल ने बोला बहुत बड़ा झूठ'
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कांग्रेस से पूछा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस को विधानसभा में झूठ बोलना पड़ा? पांच साल तक मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को वहां इतना बड़ा झूठ क्यों बोलना पड़ा? जिस पत्रकार को कांग्रेस के लोगों ने धक्का दिया और धमकाया। भूपेश बघेल ने उसे फर्जी पत्रकार बताया और कहा कि वह पत्रकार के वेश में घुसा था, यह सुरक्षा में चूक का मामला है, जबकि पत्रकार सुनील नामदेव के पास न केवल 16 से 20 दिसंबर 2024 तक आयोजित विधानसभा सत्र का प्रवेश पास था, बल्कि वह छत्तीसगढ़ विधानसभा पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति का सदस्य भी है, जिसमें राज्य के कुछ चुनिंदा पत्रकार ही सदस्य हैं।
'लोगों के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य'
अमित ने कहा कि पांच साल तक विधानसभा का नेतृत्व करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को झूठ बोलने में संकोच क्यों नहीं हुआ? पूर्व मुख्यमंत्री का यह कृत्य विधानसभा में लोगों के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। जनता विधानसभा में कही गई बातों को पूरी तरह सच मानती है और विधानसभा का बहुत सम्मान करती है। ऐसे में एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में झूठ बोलना और जनता को गुमराह करना न केवल निंदनीय है बल्कि असंवैधानिक भी है। कांग्रेस के नेता उसी संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं और उसे लेकर घूम रहे हैं।