सारण: सारण के सोनपुर DRM कार्यालय के पास पूर्व रेल मंत्री ने पूर्वोत्तर रेलवे महाविद्यालय की स्थापना की थी. इस महाविद्यालय को हटाए जाने के विरोध में महाविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों ने रेलवे का जमकर विरोध किया. धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, महाविद्यालय कर्मी और छात्र-छात्राएं शामिल हुए. वहीं कार्यक्रम में सोनपुर के विधायक प्रोफेसर डॉ रामानुज प्रसाद भी शामिल हुए थे.
पूर्वोत्तर रेलवे महाविद्यालय सोनपुर के प्राचार्य ने बताया कि पूर्व रेल मंत्री स्व. मधु दंडवते ने महाविद्यालय का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कर्पूरी ठाकुर की उपस्थिति में किया गया था. उन्होंने कहा कि 2009 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने महाविद्यालय को सरकारी दर्जा दिलाने के लिए काफी प्रयास किया था. वहीं उनके रेल मंत्री रहते इस महाविद्यालय का दो बार सत्यापन भी कराया गया था, लेकिन अब इस महाविद्यालय को हटाने के लिए रेलवे ने नोटिस जारी कर दिया है.
उन्होंने कहा कि 13 साल के बाद रेलवे ने महाविद्यालय की जमीन को खाली करने का आदेश पारित किया गया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. इस महाविद्यालय का नाम पूर्वोत्तर रेलवे इसलिए रखा गया था क्योंकि इस महाविद्यालय का डोनर रेलवे था. बताया जाता है कि जिस वक्त बिहार के रेल मंत्री रामविलास पासवान थे. उस समय भी इस महाविद्यालय का सत्यापन हुआ था.
वहीं इस धरना प्रदर्शन में शामिल होने के बाद सोनपुर विधायक रामानुज प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रेलवे के सौजन्य से यह महाविद्यालय खुला था. जिसका नाम पूर्वोत्तर रेलवे महाविद्यालय है. उन्होंने कहा कि कोई भी लोग इस महाविद्यालय को डिस्टर्ब करना चाहेंगे, तो सोनपुर की जनता और हम लोग इसे होने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय हमारा धरोहर है. हमारे बाल बच्चों को वर्तमान और आने वाले पीढ़ी का भविष्य है. महाविद्यालय को बचाने के लिए जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी हम लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय को बचाने के लिए यहां से दिल्ली तक और सड़क से सदन तक लड़ेंगे. बताया जाता है कि इस महाविद्यालय की स्थापना 1978 में रेलवे ने कराई थी. बताया जाता है कि इस महाविद्यालय की स्थापना रेलवे ने रेलवे कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए कराई थी. इस महाविधायल में रेल कर्मचारियों के 50 प्रतिशत बच्चे पढ़ते थे. इसके अलावा विभिन्न जिले के बच्चे का नामांकन ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बाद रेलवे कर्मचारियों के बच्चे की पढ़ने की संख्या कम हो गई.
महाविद्यालय के मुताबिक इस महाविद्यालय में 3000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते है और 50 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है. महाविद्यालय में छपरा, सिवान, गोपालगंज और सोनपुर जिले के बच्चे पढ़ाई करते है. इस महाविद्यालय में काफी दूरदराज से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते है.