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डीएमएफ घोटाला: चावल व्यापारी के घर छापेमारी, अनवर ढेबर का रिश्तेदार भी मुश्किल में

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रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मौदहापुर इलाके में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है. चावल कारोबारी रफीक मेमन (खाकू) के यहां रहने वाले मौदहापुर के खिलाफ ईडी की कार्रवाई चल रही है. जानकारी के मुताबिक फर्जी बिलिंग और डीएमएफ घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की गई है. गौरतलब है कि डीएमएफ घोटाला मामले में ईडी ने 9 दिसंबर को निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, माया वारियर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ 8,021 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. इसमें 169 पन्ने अभियोजन शिकायत के हैं. ईडी ने इस घोटाले में 90 करोड़ 48 लाख 22 हजार 255 रुपये के गबन का आरोप लगाया है. 

जाने क्या है डीएमएफ घोटाला? 

राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत जानकारी के अनुसार ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने धारा 120बी 420 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि जिला खनिज निधि कोरबा की राशि से विभिन्न टेंडरों के आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है। जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत कमीशन के रूप में सरकारी अधिकारी को दिया गया है। निजी कंपनियों के टेंडरों पर सरकारी अधिकारियों ने 15 से 20 प्रतिशत कमीशन लिया है। ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि आईएएस अधिकारी रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। 

गरियाबंद में भी ईडी की छापेमारी

ईडी की टीम सुबह छह बजे से गरियाबंद और रायपुर के आसपास के इलाकों में कार्रवाई कर रही है। इस दौरान कारोबारी इकबाल मेमन के घर पर छापेमारी की गई है। सूत्रों के अनुसार उसके अनवर ढेबर से संबंध होने का संदेह है। ईडी की टीम 10 से अधिक वाहनों के काफिले के साथ मौके पर पहुंची है। इस छापेमारी में शराब सिंडिकेट से जुड़े पैसे के निवेश से जुड़े गंभीर आरोप भी सामने आ रहे हैं।

ग्रामीणों ने चावल मिल निर्माण का किया था विरोध

कुछ दिन पहले गरियाबंद के जाड़ापदर गांव में चावल मिल निर्माण का ग्रामीणों ने विरोध किया था। इस मिल का निर्माण इकबाल पुत्र गुलाम द्वारा कराया जा रहा था।विवाद बढ़ने पर ग्रामीणों ने ईडी से संपर्क कर लिखित शिकायत दर्ज कराई कि शराब सिंडिकेट का पैसा मिल में लगाया जा रहा है।