भोपाल। बागसेवनिया थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर जालसाज के खिलाफ ठगी का मामला कायम किया है, जिसने कई लोगो को एम्स में नौकरी लगाने का झांसा देते हुए लाखो रुपये की ठगी कर ली। आरोपी भोपाल एम्स परिसर में ही घुमता था। वहीं लोगो से पहचान बढ़ाकर रकम ऐठंने के बाद उसने कई लोगो को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिये। एक पीड़ित की शिकायत मिलने पर जब पुलिस ने जॉच शुरु की तब सामने आया की उसने कई लोगो को अपना शिकार बनाया है। मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल बागसेवनिया में रहने वाले फरियादी रीतेश प्रजापति ने बताया कि वह मूल रुप से खंडवा जिले के रहने वाले है। बीते समय उनकी एम्स अस्पताल में आरोपी शंकर बिरले नामक व्यक्ति से जान पहचान हुई थी। आरोपी अधिकतर अस्पताल में ही घुमता रहता था, उसने बताया था उसकी यहॉ कई लोगो से खासी पहचान हैं। पहचान बढ़ने पर शंकर ने रीतेश को झांसा देते हुए कहा कि वह अपनी पहचान के जरिये उसकी एम्स अस्पताल में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगवा सकता है, लेकिन इसके लिये उसे पैसा देना होगा। अच्छी नौकरी पाने की आस में फरियादी ने उसे 40 हजार रुपए दे दिए। लेकिन तय समय गुजर जाने पर भी जब शंकर की नौकरी नहीं लगी तब उसने शंकर पर दबाव बनाते हुए अपनी रकम वापस देने को कहा। लेकिन आरोपी उसे लगातार टाल मटोल करता रहा और उसका कॉल उठाना भी बंद कर गायब हो गया। इसके बाद फरियादी ने पुलिस से लिखित शिकायत की। शिकायत की जॉच के दौरान पुलिस भी हैरान रह गई, क्योकिं करीब डेढ़ दर्जन पीड़ित भी पुलिस के पास पहुंचे जिन्होनें बताया की शंकर ने उन सब से भी नौकरी के नाम पर 17 लाख से अधिक की ऑनलाइन अपने खाते में जमाक कराकर ऐंठी है। जॉच के बाद थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरु कर दिये है। फरियादियो ने पुलिस को बताया कि आरोपी की लोगो को नौकरी लगवाने का झांसा देने के बाद भी उन्हें एम्स परिसर में ही बुलाता था। और उसने कई लोगो को नकली नियुक्ति पत्र भी थमाए हैं।