जगदलपुर। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई के बाद देश में सुरक्षा, जम्मू कश्मीर, भारत-पाक तनाव जैसे मुद्दे अहम हो चले हैं। सत्तारूढ़ पार्टियों की रैलियों में इसी मुद्दे पर नेताओं के स्वर तेज हो रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां भी इन्हीं मुद्दों पर सरकार को घेरती नजर आ रही है। आतंकवाद और देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों के आगे चुनाव या विकास के अन्य मुद्दे लगभग दूसरी कतार में चले गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी पार्टियां अपनी गलतबयानियों और आरोपों से भाजपा को पॉजिटिव मौका दे रही है। संवेदनाओं से भरे इस देश में भाजपा उसके लिए भी मुद्दा अहम हो गया है। मुद्दा लंबा खिंचा तो विपक्ष को ही होगी दिक्कत होगी।
हाल के दिनों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां हो, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा हो, अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम हो या फिर पार्टी की कोई प्रेस कांफ्रेंस, हर जगह पाकिस्तान पर कूटनीति, आतंकवाद पर प्रहार, एयर स्ट्राइक का जिक्र छेड़ा जा रहा है। विपक्षी पार्टियों के नेता एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं तो भाजपा विरोधियों पर और ज्यादा आक्रामक होती दिख रही है।
फिलहाल साफ दिख रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है। भाजपा के कुछ नेताओं ने तो इस मुद्दे को वोट बैंक में भुनाने तक की बात कह डाली है। ऐसा माना जा रहा है कि हाल की घटनाओं के बाद भारत-पाक तनाव पर बने माहौल का लोकसभा चुनाव में बड़ा असर पड़ेगा। यह असर भाजपा के कितना पक्ष में होगा और विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को कितना घेर पाएगी, इन सवालों का जवाब भविष्य के गर्भ में है।