Home छत्तीसगढ़ बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाइक एंबुलेंस किसी वरदान से कम नहीं

बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाइक एंबुलेंस किसी वरदान से कम नहीं

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बिलासपुर

कोटा के सुदूर वनांचलों में बसे गांवों में वो दिन लद गए जब अस्पताल तक नहीं पहुंच पाने की वजह से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया न हो पाता था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चलायी जा रही योजनाओं से ग्रामीणों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा मिलने लगी है।

बाइक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही
गर्मी, बरसात या सर्दी सभी मौसम में बाइक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही है। कोटा ब्लाक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते सड़क मार्ग से पहुंच पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाइक एम्बुलेंस निश्शुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है।

निःशुल्क सुविधा
संगवारी एक्सप्रेस में बाइक को एक मिनी एम्बुलेंस की तरह बनाया गया है। इसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुचांया जा सकता है। यह बिल्कुल निःशुल्क सुविधा है। कोटा ब्लाक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाएं सहित अन्य लोगों के लिए बाइक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही है।

क्षेत्र के हिसाब से ऐसे मिल रहा सेवा का लाभ
विकासखंड कोटा में बाइक एम्बुलेंस की सुविधा मार्च 2024 से शुरू किया गया है। शुरू होने से अब तक 4089 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इसमें सभी वर्ग के मरीज शामिल हैं। इसमें शिवतराई पीएचसी अंतर्गत 1108, कुरदर अंतर्गत 850, केंदा अंतर्गत 1310, आमागोहन अंतर्गत 821 मरीजों को बाइक एम्बुलेंस की सुविधा मिली है। बाइक एंबुलेंस के जरिए वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुंचाया जाता है।

आपात स्थिति में नहीं अब परेशानी
वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण इस सुविधा से काफी खुश है। उनका कहना है कि जहां वे पहले इलाज के लिए मिलों दूर पैदल चलकर कठिनाईयों का सामना कर अस्पताल पहुंचते थे। लेकिन बाइक एंबुलेंस की सुविधा मिलने से अब कठिनाइयां आड़े नहीं आ पाती है और मरीजों को बिना देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

मैं और मेरा बच्चा पूरी तरह स्वस्थ
मंजगवा की मनीषा को बाइक एम्बुलेंस के जरिए प्रसव के लिए केंदा अस्पताल लाया गया था। वे कहती हैं कि इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं छतौना की 35 वर्षीय मंदाकनी को भी बाइक एम्बुलेंस के जरिए केंदा अस्पताल लाया गया था और उन्हें समय पर इलाज मिला। इसके अलावा बाइक एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है।