रायपुर। धान खरीदी में किसानों की परेशानी पर चिंता व्यक्त करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को टोकन नहीं मिल रहा है। छोटे-छोटे किसान बोल रहे कि एक मिनट सर्वर खुलता है कुछ किसान ही रजिस्ट्रेशन करा पाते है फिर सर्वर बंद हो जाता है। अगर टोकन मिल गया तो फिर सर्वर डाउन हो जाता है। किसानों को घंटो खड़ा होना पड़ता है और बारदाने की कमी भी है। धान उठाने की नीति है उसमें बदलाव कर दिये है। अभी धान केंद्र में खरीदी होगी फिर संग्रहण केंद्र ले जाया जायेगा। उसके बाद उसको राईस मिलर को देंगे और अभी किसी राईस मिलर के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है। इसका मतलब है कि सरकार धान ही नही खरीदना चाहती और 21 क्विंटल का बोर्ड लगा दिया गया है पर कोई भी किसान 21 क्विंटल धान नहीं बेच पा रहा है। प्रति एकड़ किसानों को 8 हजार का नुकसान होगा। राज्य सरकार के द्वारा किसानों को ठगा जा रहा है और रबी फसल लेने से मना कर रहे और विष्णुदेव साय अपने टवीटर में कहते है कि किसानों का रबी फसल लेने में कोई रोक नही है दूसरी तरह उनके आदेश का अवहेलना हो रहा है। साय सरकार की प्रशासन में कोई पकड़ नही है और उनकी बात कोई नही सुनता है बोलते कुछ है और होता कुछ है। विभिन्न जगहो के कलेक्टर ने आदेश कर दिया कि रबी फसल का धान नहीं ले सकते। अगर धान लेंगे तो 50 हजार का फाइन लगेगा। यह सरकार किसान विरोधी सरकार है। पिछले साल 45 प्रतिशत चावल अभी तक जमा नहीं हो पाया है यह सरकार की नाकामी है। उसका खामियाजा गरीब किसान को उठाना पड़ेगा, क्योकि एंग्रीमेंट नही कर रहे तो धान उठाव नही होगा। धान खरीदी चालू हुये 1 हफ्ता हो गया कही भी परिवहन का साधन नही लगा है कि धान का उठाव करे, इसका मतलब कि धान संग्रहण केन्द्र पूरा धान के बोरे से पट जायेगा। दूसरे हफ्ते में धान खरीदी बंद कर देंगे क्योकि धान उठाव नही हुआ है तो धान की खरीदी कैसे करेंगे। वैसे भी 35 दिन अवकाश में बीत जायेगा। इसी प्रकार से रोककर सरकार धान नही खरीदना चाहती है। सरकार कह रही है कि सरकार का सोच यह है कि छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन नही हो रहा है यह छत्तीसगढ़ के किसानों का अपमान है। हमारी सरकार में धान का उत्पादन बढ़ा था। हमारी 5 सरकार वर्षो की सरकार में जहां हमने ऋण माफी किया। किसानों को अच्छी कीमत देकर धान खरीदी इससे यह हुआ कि छोटे से छोटे किसान सक्षम हुये है और अच्छी खेती कर रहे है। अभी धान का उत्पादन अच्छा हो रहा है लेकिन साय सरकार किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है। किसान विरोधी सरकार है। जैसे रमन सरकार के दौरान किसान आत्महत्या कर रहे थे वैसे ही यह सरकार किसानों को मजबूर करना चाहती है।
अडानी के भ्रष्टाचार की जांच होना चाहिये
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कल प्रेसवार्ता लिया और कहा एक है तो सेफ है, अडानी और मोदी एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे और उसका प्रभाव कल देखने को मिला। राहुल गांधी ने जो कहा सही कहा है। अडानी को कल यूएसए कोर्ट से नोटिस मिला और केंद्र में बैठे हुये मंत्री और भाजपा के प्रवक्ता ने उसका जवाब दिया। अडानी पर जो आरोप लगा वह सही है। मोदी और अडानी एक है। जैसे ही अडानी पर कोई बात आई तो केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के प्रवक्ता पूरी भाजपा सक्रिय हो जाते है। भाजपा के प्रवक्ता ने प्रदेश पर भी आरोप लगा दिया कि छत्तीसगढ़ में 25 हजार करोड़ का निवेश हुआ, कि जितने में कोल खदान का ठेका अडानी को दिया वह केन्द्र की सरकार ने 2015 में दिया था। एसईसीएल जो भारत उपक्रम का है उस कोयला का ठेका भी अडानी को दे दिया गया। रमन शासन काल मे एनएमडीसी के माध्यम से बैलाडीला का खदान भी अडानी को दिया गया। अडानी को 2000 करोड़ का नोटिस दिया गया, भाजपा के नेताओं ने स्वीकार कर लिया है अब स्वीकार कर लिया है तो ईडी, सीबीआई को अडानी के खिलाफ कब कार्यवाही करेगी, यह भाजपा के प्रवक्ता और मोदी को बताना चाहिये। भाजपा के नेता और प्रवक्ता अडानी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे है। पूरी सरकार ही अडानी का प्रवक्ता बन गयी है।