रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को अब 1000 दिन पूरे हो चुके हैं।
इसके साथ ही दोनों देशों के बीच जंग का नया दौर शुरू हो चुका है जिससे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।
एक ओर जहां पुतिन की मदद के लिए उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग ने अपने 10 हजार सैनिक भेजे हैं, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन अब जंग में खुलेआम अमेरिकी और यूरोपीय हथियार इस्तेमाल कर रहा है।
मंगलवार को रूस पर लंबी दूरी वाले अमेरिकी मिसाइलें दागने के बाद यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर ब्रिटिश निर्मित ‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइलों से हमला किया है।
सेना से जुड़े रूसी चैनलों की रिपोर्ट के अनुसार मिसाइल हमला रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सैन्य ठिकानों पर हुआ और ब्लैक सी बंदरगाह से सटे शहर येयस्क के ऊपर भी मिसाइलें दागी गईं।
ऐसा पहली बार है जब यूक्रेन ने अपनी सीमा के बाहर ब्रिटिश क्रूज मिसाइलों का प्रयोग किया है। इससे पहले तक ब्रिटेन ने यूक्रेन को सिर्फ देश के अंदर ही इनके उपयोग की इजाजत दी थी।
कथित तौर पर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इस कदम को रूस की उत्तर कोरिया जैसे अपरंपरागत सहयोगियों पर बढ़ती निर्भरता का जवाब बताया है।
गौरतलब है कि इन हमलों से कुछ ही दिन पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर आक्रमण के लिए आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। अब स्टॉर्म शैडो से हमला कर यूक्रेन रूस के नई मुसीबत खड़ी करने की कोशिश कर रहा है।
क्या है स्टॉर्म शैडो
ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा विकसित स्टॉर्म शैडो एक गुप्त, हवा से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइल है जिसकी रेंज 500 किलोमीटर से ज्यादा है।
स्टॉर्म शैडो अपनी सटीकता के लिए जानी जाने वाली मिसाइल है। इसे हवाई सुरक्षा से बचने और बंकरों, पुलों और डिपो सहित बड़े लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यूक्रेन का दांव
स्टॉर्म शैडो का इस्तेमाल यूक्रेन की क्षमता को निश्चित तौर पर बढ़ाता है। यह फ्रंटलाइन से दूर प्रमुख रूसी ठिकानों को निशाना बना सकती है।
यूक्रेन का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स को बर्बाद करना है जिससे रूस के संसाधनों को नुकसान पहुंचाया जा सके। खबरों के मुताबिक स्टॉर्म शैडो हमलों ने क्रीमिया और रूसी हवाई बेस को निशाना बनाया है।
जहां एक ओर अमेरिकी ATACMS मिसाइलों से यूक्रेन लंबी दूरी पर हमला करने में सक्षम है, वहीं दूसरी तरफ स्टॉर्म शैडो सटीकता में माहिर है।
क्या करेंगे पुतिन?
इन हमलों से पहले ही रूस ने चेतावनी दे दी है कि अगर पश्चिमी देशों ने इस जंग में सीधे तौर पर शामिल होने की कोशिश भी की तो अंजाम ठीक नहीं होगा और दुनिया विश्व युद्ध के करीब पहुंच जाएगी।
इस सप्ताह पुतिन ने देश की नई परमाणु नीति को भी मंजूरी दे दी है। इसमें घोषणा की गई है कि अगर किसी भी परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित देश रूस पर हमला करता है तो यह से उनके देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा।
नई नीति के मुताबिक रूस पर पारंपरिक मिसाइल ड्रोन और अन्य विमान से किया गया हमला भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल करने के मानदंडों के दायरे में आएंगे।
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