भोपाल । भाजपा में रहकर विधायक बने मालवा-निमाड़ क्षेत्र के एक नेता को जब भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया तो वे कांग्रेस में जाकर विधायक तो बन गए, लेकिन कांग्रेस की सरकार नहीं बनने से अवसरवादी नेता फिर भाजपा का हाथ थामने की तैयारी में हैं। साथ ही भारतीय जनता पार्टी मालवा-निमाड़ क्षेत्र में कांग्रेस को एक बड़ा झटका देने की कोशिश में लगी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के प्रभाव वाले इस क्षेत्र के एक वरिष्ठ कांग्रेस विधायक जल्दी ही भाजपा का हाथ थाम सकते हैं। ये विधायक मध्यप्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री के घुर विरोधी माने जाते हैं।
तीसरी बार विधायक चुने गए उक्त नेता की भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो चुकी है। इनमें एक नेता दिल्ली में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं तो दूसरा मध्यप्रदेश की राजनीति में। प्रदेश की भाजपा राजनीति में बदले समीकरण के चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उक्त विधायक को भाजपा में लाने में रुचि ले रहे हैं।
भाजपा में शामिल होने की स्थिति में उक्त विधायक को कैबिनेट मंत्री बनने पर भी बड़े नेताओं की रजामंदी
दरअसल उक्त विधायक कांग्रेस की सरकार न बनने और कांग्रेस संगठन में भी कोई बड़ा पद न मिलने से नाराज हैं। उनके निशाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार दोनों हैं। विधायक अपने परिचितों और कांग्रेस नेताओं के सामने इन दोनों नेताओं की कार्यप्रणाली को लेकर अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा में शामिल होने की स्थिति में उक्त विधायक को कैबिनेट मंत्री बनने पर भी बड़े नेताओं की रजामंदी है। मामला उनके विभाग को लेकर अटका हुआ है। हालांकि इस विधायक ने चुनाव के दौरान सरकार की घेराबंदी में भी कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। इसके बावजूद विधानसभा की अलग-अलग समितियों के गठन में कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा की। विधायक की नाराजगी को देखते हुए इसी दौर में भाजपा के कुछ नेताओं की उनसे बातचीत में इस बात के संकेत मिले कि यदि सम्मानजनक भूमिका मिलती है तो वह कांग्रेस छोड़ देंगे। तभी से चर्चा का दौर शुरू हुआ। केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका में रहने के बाद अब प्रदेश में संवैधानिक भूमिका निभा रहे भाजपा के बड़े नेता से उक्त विधायक के बहुत मधुर संबंध हैं और ये ही कांग्रेस विधायक को भाजपा में लाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। दिल्ली में एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री की भी इस मामले में बड़ी भूमिका है।