गुरुग्राम: गुरुग्राम नगर परिषद ने सोहना और रायसीना से लगती अरावली पहाड़ी में चलने वाले अवैध निर्माण गिराने के अभियान को रोकने का निर्णय लिया है. यह कदम ग्रैप की पाबंदी लगने की वजह से लिया गया है. वहीं पाबंदी हटने के बाद से इस अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा. इस निर्णय से स्थानीय निवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई है, क्योंकि अवैध निर्माण कार्यों की बढ़ती संख्या से पर्यावरण और स्थानीय जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
अवैध निर्माणों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम
नगर परिषद ने अवैध निर्माणों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है. यह टीम अरावली पहाड़ी में चल रहे निर्माण कार्यों की नियमित रूप से जांच करेगी. इससे स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जाएगा और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाएगा.
20 करोड़ के विकास कार्यों पर लगाई रोक
नगर परिषद ने ग्रैप के नियमों के अनुसार करीब 20 करोड़ के विकास कार्यों पर रोक लगा दी है. यह रोक नगर परिषद सीमा क्षेत्र में लागू होगी, जिसमें सीमेंट प्लांट और भवन निर्माण शामिल हैं. कार्यकारी अभियंता अजय पंघाल ने कहा कि नियमों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गुरुग्राम में ग्रैप-4 के नियमों के तहत सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगी हुई है. इसके बावजूद, शहर के कई क्षेत्रों में निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहा है. राजेंद्रा पार्क, पालम विहार, बादशाहपुर, रामगढ़, और अन्य कई स्थानों पर निर्माण गतिविधियां जारी हैं.
स्थानीय निवासियों का आरोप
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन निर्माण कार्यों के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. घरों के पास चल रहे निर्माण कार्य न तो उचित तरीके से ढके गए हैं और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे धूल और प्रदूषण बढ़ रहा है. लोगों का आरोप है कि इस स्थिति पर किसी भी एजेंसी का ध्यान नहीं है. रोजाना कोई न कोई निर्माण कार्य हो रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. निर्माण सामग्री भी खुले में रखी जा रही है, जिससे और भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इस स्थिति को देखते हुए, अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय निवासियों की समस्याओं का समाधान किया जा सके.