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भारत की जीत में सबसे अहम योगदान किसका था? कप्तान सूर्यकुमार ने इस खिलाड़ी को दिया श्रेय

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तिलक वर्मा (नाबाद 107) के पहले T20I शतक की मदद से भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में 11 रन से रोमांचक जीत दर्ज की. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 219 रन बनाए. जवाब में हेनरिक क्लासेन (41) के आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदें लगभग खत्म होती दिखी जब उसे 14 गेंद में 53 रन बनाने थे. मार्को यानसेन हालांकि आक्रामक इरादों से ही आए थे और 17 गेंदों में 5 छक्कों और 4 चौकों की मदद से उन्होंने मेजबान टीम को मैच में लौटाने की कोशिश की. अर्शदीप सिंह ने मार्को यानसेन को तीन गेंद बाकी रहते LBW आउट करके भारत को चार मैचों की सीरीज में 2-1 की अपराजेय बढ़त दिला दी. दक्षिण अफ्रीका के लिए हेनरिक क्लासेन ने 22 गेंदों में 41 रन बनाए और मार्को यानसेन ने 17 गेंदों में 54 रन ठोके. दक्षिण अफ्रीका की टीम सात विकेट पर 208 रन ही बना सकी. चौथा और आखिरी मैच शुक्रवार को खेला जाएगा.

कौन था टीम इंडिया की जीत का सबसे बड़ा हीरो?

भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. हमने टीम मीटिंग में जिस बारे में बात की थी, हमने उसी तरह का क्रिकेट खेला. हमने टीम मीटिंग में जिस पर चर्चा की थी, यही हम खिलाड़ियों को करने के लिए कह रहे थे. वे फ्रेंचाइजी के लिए ऐसा करते हैं, वे नेट्स में ऐसा करते हैं. जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उससे मैं बहुत खुश हूं. आक्रामकता और इरादे हमेशा बात करने के बारे में नहीं होते.

नंबर 3 पर तिलक वर्मा को क्यों दिया मौका?

सूर्यकुमार यादव ने कहा, 'जब मैं टीम के बल्लेबाजों को इस तरह से बल्लेबाजी करते देखता हूं, तो उससे मेरा काम आसान हो जाता है. मुझे लगता है कि हम सही दिशा में हैं. पहली बार हम मैदान पर 6-7 मिनट आगे थे. वह (तिलक) गेकेबरहा में मेरे कमरे में आए और कहा कि मुझे नंबर 3 पर मौका दो, मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और मैंने कहा कि वहां जाओ और खुद को अभिव्यक्त करो. उन्होंने इसके लिए कहा और उन्होंने इसे पूरा किया. उनके और उनके परिवार के लिए बहुत खुश हूं.'

तिलक वर्मा ने खोल दिया राज

तिलक वर्मा को उनके शानदार शतक के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. तिलक वर्मा ने मैच के बाद कहा, 'मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. देश के लिए खेलना मेरा सपना था और शतक सही समय पर आया, जब टीम को इसकी जरूरत थी. इसका पूरा श्रेय हमारे कप्तान मिस्टर सूर्यकुमार यादव को जाता है. उन्होंने मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया और मुझे खुद को अभिव्यक्त करने के लिए कहा. फिर से उनका शुक्रिया. मैंने बस अपने बेसिक्स पर भरोसा किया. पिच शुरू में दो गति वाली थी और अभिषेक के आउट होने के बाद नए बल्लेबाजों के लिए यह आसान नहीं थी. मैं लंबे समय तक बल्लेबाजी करने के लिए तैयार था और एक साझेदारी का इंतजार कर रहा था.'