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ग्लोबल इंवेस्टर्स को मप्र लाने की कवायद

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। 24 से 30 नवंबर तक उनका ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा प्रस्तावित है, जहां वह आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए विदेशी निवेशकों से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना और नए उद्योगों की स्थापना के लिए अवसर पैदा करना है। मुख्यमंत्री विदेशी निवेशकों को फरवरी में होने वाली इंवेस्टर्स समिट में आमंत्रित करेंगे। गौरतलब है की मोहन सरकार का पूरा फोकस औद्योगिक विस्तार पर है। मप्र में पिछले 11 महीने में औद्योगिक विकास की नई लहर देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में औद्योगिक विकास की जो पहल की है उसके परिणाम स्वरूप अब तक 2,82,700 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में जिस तेजी से निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं, उससे मप्र का औद्योगिक विकास मिसाल बनेगा। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री मोहन यादव 24 नवंबर को मुंबई से अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रवाना होंगे, जिसमें वे ब्रिटेन और जर्मनी के विभिन्न उद्योगपतियों और निवेशकों से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा फरवरी 2025 में मप्र में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के मद्देनजर की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रयास है कि वे राज्य में निवेश के नए अवसरों को ला सकें और विदेशी निवेशकों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित कर सकें। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री यादव के साथ अफसरों की एक टीम जाएगी। यह टीम यूके और जर्मनी में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी और उन्हें मप्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री का यह दौरा राज्य में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि निवेशकों को आकर्षित करने सरकार ने प्रदेश के प्रमुख शहरों में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का सिलसिला शुरू किया है। फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बुलाने की तैयारी है। अब तक उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित हो चुके हैं।

ऑटोमोबाइल, आईटी व फार्मा में ज्यादा संभावनाएं
 विदेशी उद्योगपतियों और इन्वेस्टर्स को मप्र में आमंत्रित करने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जर्मनी और ब्रिटेन में मप्र की ब्रांडिंग करेंगे। सीएम 24 नवंबर को भोपाल से रवाना होंगे। 30 तक वे दौरे पर रहेंगे। गौरतलब है कि सरकार ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल, पर्यटन, आईटी, एनर्जी और माइनिंग क्षेत्र पर सरकार ज्यादा ध्यान दे रही है। लंदन और जर्मनी में सीएम डॉ. यादव की मुलाकात फ्रेंड्स ऑफ एमपी के प्रतिनिधियों से भी आयोजित की गई है। इस दौरान सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ प्रदेश में धार्मिक टूरिज्म की संभावनाओं पर विचार विमर्श होगा। मुख्यमंत्री ने इस यात्रा से पहले देश में मुंबई, बेंगलुरु, कोयंबटूर और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में उद्योगपतियों के साथ बातचीत की है, जहां उन्होंने मप्र में निवेश के लाभ और अवसरों को उजागर किया।  भोपाल में होने जा रही ग्लोबल समिट के पहले नर्मदापुरम में रीजनल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव 7 दिसंबर को होने जा रही है। इसके पहले उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा में समिट हो चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुताबित 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में होने वाली कॉन्क्लेव में निवेशकों को नर्मदापुरम क्षेत्र की संभावनाओं से जोड़ते हुए, प्रदेश की आर्थिक बेहतरी के लिए गतिविधियां प्रस्तावित हैं। इसमें सभी सेक्टर के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। आईटी, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, भारी उद्योग, एमएसएमई सहित सभी प्रकार के उद्योग घंधों के जरिए राज्य के युवाओं को भरपूर रोजगार के मौके तैयार किए जा रहे हैं।

औद्योगिक विस्तार सरकार की प्राथमिकता
राज्य सरकार ने प्रदेश में संभाग स्तर पर रिजनल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन भी शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करना है।  उद्योगों के लिए आवश्यक सडक़, बिजली, पानी, और अधोसंरचना सहित सुशासन के हर पैमाने में मप्र निवेशकों के लिए पहली पसंद बन रहा है। औद्योगिक घरानों का भरोसा जीतने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को लगातार सफलता मिल रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक हुए पांचों कॉन्क्लेव में अब तक प्रदेश में 1.82 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे 2 लाख 3 हजार 420 नए रोजगार मिलेंगे। सरकार प्रदेश में निवेश के लिए मुंबई, बेंगलूरु, कोयम्बतूर और कोलकाता में इंटरेक्टिव सेशन कर चुकी है। इसमें भी 1 लाख 700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस तरह अब तक मप्र को 2 लाख 82 हजार 700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। सभी जिलों में औद्योगिक विकास के लिए शुरू की गई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सिलसिला जारी है। पांच कॉन्क्लेव के बाद अगली कॉन्क्लेव नर्मदापुरम में होगी। कृषि आधारित उद्योग, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण के निर्माण पर फोकस होगा। मप्र में मोहन सरकार की अब तक 5 रीजनल इडस्ट्री कॉन्क्लेव हो चुकी हैं। इनमें उज्जैन 1 लाख करोड़, जबलपुर 22 हजार करोड़, ग्वालियर 8 हजार करोड़, सागर 23181 करोड़ और रीवा 30,814 करोड़ रूपए का निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।

जमीनों की मांग बढ़ी
 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार अन्य राज्यों में उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन और प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे हैं। इसके बाद निवेशक भी जमीन की मांग कर रहे हैं। एमएसएमई विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के अनुसार उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराने प्रदेश के अलग अलग रीजन में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। मऊगंज और आगर मालवा में और उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े जिलों में भी क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। नए 15 औद्योगिक क्षेत्रों में 700 से ज्यादा उद्यम शुरू होने की संभावना है। इनमें प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से 6 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। दरअसल, औद्योगिक विकास को बढावा देने सीएम ने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया गया है। इसके तहत द्वि-वार्षिक प्रमुख आयोजन ग्लोबल इन्वेस्टर समिट फरवरी 2025 में भोपाल में होगी। सागर और आसपास खाद्य प्रसंस्करण, खनन, इंजीनियरिंग, और पेट्रोकेमिकल्स जैसे कई उद्योग संचालित हो रहे हैं। कॉन्क्लेव से इनमें भी निवेश बढऩे की संभावना है।