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महायुति-महाविकास अघाड़ी के लिए बागी बने चुनौती

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मुंबई।  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस कवायद के पूरे होने के साथ ही तमाम सीटों पर चेहरे भी तय हो गए हैं। नाम वापसी के अंतिम दिन राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधनों – महायुति और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के कई बागियों ने अपना नामांकन वापस लिया। हालांकि, कई सीटों पर अभी भी दिनों के लिए चुनौती बरकरार है। नामांकन की प्रक्रिया पूरी से यह भी तय हो गया कि किस पार्टी ने कितने उम्मीदवार उतारे और किसके कितने बागी खड़े हो गए हैं। महायुति और एमवीए के लिए बागी सिर दर्द बने हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने चेतावनी के बाद पांच बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उधर महायुति के दलों ने भी नाम वापस न लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

सत्ताधारी महायुति के लिए कहां-कहां बगावत
नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में पूर्व भाजपा सांसद हीना गावित निर्दलीय मैदान में हैं। यहां शिंदे गुट की अम्शिया पडवी महायुति के आधिकारीक उम्मीदवार हैं। गावित की उम्मीदवारी ने महायुति के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। माहिम से चुनाव लड़ रहे शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर को भाजपा की तरफ से सीट छोडऩे का दवाब था। सरवणकर एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित के खिलाफ खड़े हैं। सरवणकर ने अपना आवेदन बरकरार रखा है। इस सीट पर भाजपा ने अमित ठाकरे का समर्थन करने की बात कही है।

नासिक में बढ़ी चुनौती
नासिक में बगावत रोकने में महायुति विफल रहा है। नंदगांव से समीर भुजबल, देवलाली से राजश्री अहिरराव, चंदवाड से केदा अहेर महायुति के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। भिवंडी ग्रामीण सीट पर भाजपा के ग्रामीण युवा अध्यक्ष स्नेहा पाटिल ने शिवसेना के शांताराम मोरे के खिलाफ निर्दलीय के रूप में उतरे हैं। वे पीछे नहीं हटे। कल्याण पूर्व  सीट पर भाजपा द्वारा सुलभा गणपत गायकवाड़ को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शिवसेना के महेश गायकवाड़ ने विद्रोह कर दिया और अपना आवेदन बरकरार रखा है।

यहां भी बागी उम्मीदवार पीछे नहीं हटे
कल्याण पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा द्वारा सुलभा गणपत गायकवाड़ को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शिवसेना के महेश गायकवाड़ ने विद्रोह कर दिया। भाजपा की मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे को पार्टी ने बेलापुर विधानसभा क्षेत्र से दोबारा उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, यहां से शिवसेना के विजय नाहटा ने निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए आवेदन दाखिल किया। वे यहां से पीछे नहीं हटे। ऐरोली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के गणेश नाइक के खिलाफ शिवसेना के शिंदे गुट के विजय चौगुले ने पर्चा वापस नहीं लिया।

नवाब मालिक ने एनसीपी से पर्चा भर महायुति को फंसाया
एनसीपी (अजित गुट) द्वारा नवाब मलिक को अपना उम्मीदवार बनाने के बाद महायुति के सामने एक चुनौती है। नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्तूबर को मलिक ने एनसीपी के उम्मीदवार के तौर पर मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से नामांकन कर दिया। जबकि इस सीट पर शिवसेना के सुरेश कृष्ण पाटिल को भाजपा ने गठबंधन का आधिकारिक उम्मीदवार बताया है। देवेंद्र फडणवीस, आशीष शेलार समेत भाजपा के कई नेताओं ने मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया है और उनके लिए प्रचार न करने की घोषणा की है।

विपक्षी एमवीए के लिए कहां बागियों की चुनौती?
एमवीए में भी कई नेता बागी हो चुके हैं और और उन्होंने चुनाव से पहले अपने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया है। पुणे में कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। इन नेताओं में पूर्व नगर पार्षद उल्हास उर्फ आबा बागुल, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे और मनीष आनंद शामिल हैं। कांग्रेस के मौजूदा विधायक रवींद्र धांगेकर के सामने कांग्रेस नेता और पूर्व महापौर कमल व्यवहारे ने कस्बा पेठ से अपना नामांकन दाखिल किया। पार्वती सीट एनसीपी (शरद गुट) को आवंटित होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता बागुल ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। कमल व्यवहारे शिवाजीनगर सीट से पर्चा भरा। इस तरह से एमवीए गठबंधन को पुणे की तीन प्रमुख सीटों – शिवाजीनगर, पार्वती और कस्बा पेठ में विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस इनमें से दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एनसीपी (शपा) तीसरी सीट पर चुनाव लड़ रही है।

समाजवादी पार्टी के खिलाफ एमवीए के उम्मीदवार
कोपरी पचपाखाड़ी में ठाकरे गुट के सामने कांग्रेस के बागी हैं। भिवंडी पश्चिम में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार द्वारा अपना आवेदन वापस नहीं लिया है। उद्धव ठाकरे समूह ने कोपरी पचपाखाड़ी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ केदार दिघे को नामांकित किया। लेकिन यहां से कांग्रेस के मनोज शिंदे ने निर्दलीय आवेदन दाखिल कर दिया। उन्होंने अपना आवेदन बरकरार रखा है। दयानंद चोरगे को कांग्रेस ने भिवंडी पश्चिम सीट से उम्मीदवार बनाया है। यहां से समाजवादी पार्टी के रियाज आजमी ने निर्दलीय आवेदन दाखिल किया है। एनसीपी (शपा) ने शाहपुर विधान सभा से दौलत दरोदा को टिकट दिया है, लेकिन ठाकरे गुट की ओर से अविनाश शिंगे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। शरद पवार गुट के शैलेश वडनेर ने बगावत कर दी और मुरबाड विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल कर दी है।

शिवसेना (यूबीटी) ने पांच बागियों को पार्टी से निकाला
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के संपर्क प्रमुख रूपेश म्हात्रे को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा यवतमाल जिले से विश्वास नांदेकर वाणी विधानसभा के जिला प्रमुख चंद्रकांत घुगुल, जरी तालुका प्रमुख संजय अवारी, मारेगांव तालुका प्रमुख प्रसाद ठाकरे और वाणी तालुका प्रमुख को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।