गरियाबंद : गरियाबंद विकासखण्ड के दूरस्थ वनांचल ग्राम पंचायत डुमरबाहरा के आश्रित ग्राम कामरभौदी जिला मुख्यालय से लगभग 54 कि.मी. दूरी पर स्थित है। यह गांव पहाड़ एवं घनेे जंगलो से घिरा हुआ है। ग्राम कामरभौदी अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने एवं विकट भौगोलिक स्थिति होने के कारण लोगों को विकास से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता था। जिला प्रशासन द्वारा लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गांव में सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसी तारतम्य में गांव में सोलर माध्यम से नलजल प्रदाय योजना संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों को घर में ही पीने का पानी मिलने लगा है। इससे ग्रामीणजन लाभान्वित हो रहे है। कामरभौदी मुख्यतः आदिवासी ग्राम है, यहा लगभग 400 लोग निवास करते है। इस गांव में कुल घरों की संख्या 94 है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत कुल 02 नग 6 मी. स्टेजिंग सोलर और 01 जीआई 12 मी. स्टेजिंग सोलर 5000 लीटर की 02 टंकी से पानी सप्लाई किया जा रहा है। गांव में पेयजल हेतु लोग पहले नदी, तालाब, झरिया और शासकीय हैण्ड पंप पर निर्भर हुआ करते थे। कमार पारा, भोरीपारा, कामरभौदी एवं तुहापानी चार अलग अलग पारा ग्राम में है। नलजल कनेक्शन पहुंचने से गांव में आंगनबाड़ी, शासकीय शाला में अध्ययनरत बच्चो को मध्यान भोजन हेतु पेयजल प्राप्त हो रहा है। पहले पारंपरिक तौर पर पीने के पानी को कपड़े की छन्नी से छान कर मटकी गुंडी आदि में संग्रहित कर आवश्यकतानुसार खाना बनाने और पीने के लिए उपयोग करते थे। ग्रामीण पीने का पानी का शुद्धता का माप पानी के मटमैला रंग को देखकर किया करते थे। लेकिन अब जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर जल पहुंचाया जा रहा है। जिससे नयी पीढ़ी एवं ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ जल आसानी से घर पहुंच मिल रहा है।