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आजादी के 71 साल बाद आर्मी की पहली वो महिला ऑफ़िसर जो करेंगी पुरुषों के दल को लीड

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नई दिल्ली। लेफ़्टिनेंट भावना कस्तूरी भारतीय सेना की पहली ऐसी महिला हैं, जो आज़ादी के बाद पहली बार 144 पुरुष सैन्यदल की परेड को लीड करेंगी.26 साल की भावना हैदराबाद की हैं, उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से मास्टर की डिग्री हासिल की है. भावना पढ़ाई में तो अच्छी थी ही, इसके साथ डांस और गाना गाने में भी अच्छी थी. उन्होंने क्लासिकल डांस में भी डिप्लोमा भी किया हुआ है.लेकिन 23 साल तक आम सी ज़िंदगी जीने वाली लड़की को नहीं पता था कि वो कभी इतिहास भी रच सकती है.

आजादी के 71 साल बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में भावना पहली वो महिला बन रही हैं, जो 144 पुरुष सैन्यदल की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी.भारतीय आर्मी सर्विस कॉर्प्स की लेफ़्टिनेंट भावना कस्तूरी बीबीसी को बताती हैं कि वे इस मौक़े को पाकर बहुत ही ख़ुश हैं.भावना बताती हैं, ”23 साल बाद आर्मी कॉर्प्स के दस्ते को परेड करने का मौक़ा मिला है और वो भी मुझे लीड करना है तो ये मेरे लिए बहुत ही गर्व करने वाला पल है.”घर वालों के सहयोग के साथ भावना को यहां पहुंच पाना बहुत मुश्किल नहीं लगा. उन्हें अपने सफ़र में पति का भी साथ बखूबी मिला. वे भी एक आर्मी ऑफ़िसर हैं

”…अब बस और नहीं”ऑफ़िसर ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में है जहां बहुत ही सख़्त ट्रेनिंग होती है. इसमें शारीरिक मेहनत तो होती ही है साथ ही दिमागी कसरत भी होती है.अपनी ट्रेनिंग के दिन के किस्से याद करती हुई भावना कहती हैं कि आर्मी की ड्यूटी और अनुशासन बहुत ही सख़्त होती हैं इसलिए एक बार तो लगा जैसे भाग ही जाओ.अपनी सबसे मुश्किल ट्रेनिंग पर वे कहती हैं, ”एक तय सीमा में 18 किलो के वज़न वाले एक बैग और हाथ में एक राइफ़ल के साथ 40 किलोमीटर दौड़ना होता है, जिसके दौरान मन में आ गया था कि अब सब छोड़ दो… लेकिन दिमाग में एक ही बात चलती कि कभी भी हार नहीं माननी और आगे बढ़ती गई.”

वे कहती हैं, ”लोगों को एक ग़लतफ़हमी है कि आर्मी में महिला-पुरुष में अंतर होता है जबकि वहां सिर्फ़ एक ऑफ़िसर ही होता है. मैं भी वहां उतनी ही मेहनत कर रही हूं जितना कि वो सब. मैं अभी कारगिल में हूं जहां ड्यूटी करना बहुत आसान नहीं है. मेरे पीछे 144 जवान चलते हैं और वे सब मेरी ताक़त हैं वे हमेशा मेरा हौसला बढ़ाते हैं, बल्कि उनका जोश देखकर मुझमें भी जोश भर जाता है और खुद-ब-खुद क़दम साथ में बढ़ने लगते हैं.”