Home राजनीति एलजी मनोज सिन्हा ने एनसी-कांग्रेस पर लगाए दोहरा चरित्र अपनाने के आरोप

एलजी मनोज सिन्हा ने एनसी-कांग्रेस पर लगाए दोहरा चरित्र अपनाने के आरोप

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है। एलजी ने कहा कि पहले एनसी-कांग्रेस ने संविधान की शपथ ली और अब जम्मू-कश्मीर यूनियन टैरेटरी के 5वें स्थापना दिवस का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि यूनियन टैरेटरी के 5वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को श्रीनगर में ऑफिशियल इवेंट आयोजित किया गया, जिसमें सत्ताधारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने बहिष्कार किया। कांग्रेस और NC ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर को यूनियन टैरेटरी नहीं मानते हैं। जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द स्टेटहुड मिलना चाहिए। इसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा दोनों पार्टियों का दोहरा चरित्र बताया है। एलजी ने कहा कि कांग्रेस और एनसी के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर यूटी के विधायकों के रूप में संविधान की शपथ ली है। फिर वे ऑफिशियल इवेंट का बहिष्कार कैसे कर सकते हैं। एक तरफ वे शपथ लेकर विधायक बने, दूसरी तरफ आधिकारिक कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। यह इनका दोहरा चरित्र दर्शाता है। दरअसल, 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। हालिया राज्य विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसे दोहराया था। 

हम अपना राज्य का दर्जा वापस लेंगे
स्थापना दिवस पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। हम अपना राज्य का दर्जा वापस लेंगे। हम बिजली,सड़क, पानी और रोजगार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर हमारी पहचान कुछ नहीं है, तो इन विकास कार्यों का कोई मतलब नहीं है। पूर्व CM महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह स्थापना दिवस नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिवस है। यह विकास का नहीं, बल्कि अधिकारों से दूर रखने की निशानी है। यह तब तक काला दिवस ही रहेगा जब तक राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारीक कर्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी संवेदनशील व्यक्ति, जो केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के बीच का अंतर समझता है, वह कभी भी इस दिन को नहीं मनाएगा। कांग्रेस ने कभी भी अपने दिल में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं दी और हम राज्य के दर्जे के लिए संघर्ष करते रहेंगे।