दिल्ली: बीती रात देशभर में दिवाली मनाई गई। राजधानी में दिल्लीवासियों ने तमाम प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाते हुए देर रात तक पटाखे फोड़े। जिसके चलते शुक्रवार को आसमान में जहरीले धुएं के बादल छा गए। हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होने से राजधानी में स्मॉग की पतली परत छा गई है। सीपीसीबी के मुताबिक आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण और बढ़ने की पूरी संभावना है। हालांकि एनसीआर के गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही। सीपीसीबी के आंकड़े सीपीसीबी के मुताबिक कुछ इलाकों का एक्यूआई 317 है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में है। दिवाली के बाद अक्सर नई दिल्ली में वायु प्रदूषण अत्यधिक हो जाता है। अगर पिछले 24 घंटों के औसत प्रदूषण स्तर की बात करें तो AQI 359 रहा।
इन इलाकों में सबसे ज़्यादा पटाखे जलाए गए
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में प्रतिबंध का खुलेआम उल्लंघन किया गया और जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ़ कैलाश जैसे इलाकों में आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम समेत दिल्ली के आस-पास के इलाकों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा और यहां AQI 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि फरीदाबाद में AQI 181 दर्ज किया गया। दिल्ली का औसत 24 घंटे का AQI 330 दर्ज किया गया, जो पिछले दिन 307 था। धुंध से भरे आसमान ने 2020 में 'गंभीर' प्रदूषण की यादें ताज़ा कर दीं क्योंकि रात 9 बजे PM 2.5 और PM 10 का स्तर क्रमशः 145.1 और 272 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक बढ़ गया।
दिल्ली में पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया
बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए 377 टीमें बनाई गई हैं। हालांकि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने और स्थानीय संघों के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए 377 प्रवर्तन दल बनाए थे, लेकिन पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में प्रतिबंध का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया गया।