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भारत-यूएस संबंध नहीं, यह है भारतीय अमेरिकियों के लिए चुनावी मुद्दा, सर्वे में हुआ खुलासा 

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वाशिंगटन। अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं और जो शेष हैं उन्हें जोर-शोर से पूरा किया जा रहा है। इस चुनाव में प्रमुख मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के मध्य हो रहा है। इस बीच, भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं के विचारों को जानने के लिए हाल ही में किए सर्वेक्षण से मालूम चलता है कि इस चुनाव का महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है।

भारतीय-अमेरिकियों ने महंगाई को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया  
अमेरिका में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय-अमेरिकियों ने महंगाई को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया है। सर्वे में शामिल 17 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मुद्रास्फीति या कीमतों को शीर्ष मुद्दा माना है। इसके अतिरिक्त गर्भपात, प्रजनन अधिकार और नौकरी/अर्थव्यवस्था भी महत्वपूर्ण मुद्दों में शामिल रहे हैं, जिनके लिए 13 प्रतिशत लोगों ने समर्थन जताया है।सर्वे में दलीय विभाजन भी स्पष्ट रुप से देखा गया है। रिपब्लिकन उत्तरदाताओं के 39 फीसदी ने अर्थव्यवस्था, कीमतों और नौकरियों को प्राथमिक चिंता का विषय बताया है, जबकि डेमोक्रेटिक उत्तरदाताओं में यह आंकड़ा केवल 24 प्रतिशत ही रहा। गर्भपात को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानने वालों में 19 प्रतिशत डेमोक्रेट और 5 प्रतिशत रिपब्लिकन शामिल रहे। इस ऑनलाइन सर्वे में 18 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2024 के बीच 714 भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने हिस्सा लिया था। इस सर्वे में शामिल अन्य मुद्दों में इमिग्रेशन को 10 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा को 9 प्रतिशत, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण को 8 प्रतिशत, नागरिक स्वतंत्रता को 7 प्रतिशत और अपराध को 6 प्रतिशत लोगों ने शीर्ष मुद्दा बतलाया है। भारत-अमेरिका संबंधों को भी 4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने प्राथमिकता में रखा है, जबकि शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी समान रूप से 4 प्रतिशत लोगों ने महत्वपूर्ण माना है।

भारतीय-अमेरिकी मतदाता महंगाई और आर्थिक मुद्दों को लेकर गहरी चिंता में 
इस प्रकार सर्वेक्षण का सार यह रहा कि भारतीय-अमेरिकी मतदाता महंगाई और आर्थिक मुद्दों को लेकर गहरी चिंता में हैं। इसके साथ ही, गर्भपात और प्रजनन अधिकार जैसे सामाजिक मुद्दे भी उनकी चिंता का विषय हैं। ऐसे में अमेरिका के चुनाव में भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का योगदान महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर तब जबकि वे अपनी प्राथमिकताओं को आधार बनाकर मतदान करने का मन बना चुके हैं।