नई दिल्ली । अमित खरकड़ी बीजेपी पार्षद हैं और नजफगढ़ एमसीडी जोन के चेयरमैन भी हैं। इस संबंध में नजफगढ़ से बीजेपी पार्षद अमित खरकड़ी से बात हुई तो उनका कहना था कि उनको शक था कि मंडी में कुछ अवैध बंग्लादेशी या रोहिंग्या पहचान छिपाकर सब्जी और फल बेच रहे हैं। इसलिए मंडी प्रबंधन से मिलकर सभी के कागज मंगवाए और ये कदम उठाया है। यूपी में नेम प्लेट विवाद काफी सुर्खियों में रहा था। कांवड़ यात्रा के समय कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों से अपने-अपने नाम लिखने को कहा गया था। इस पर काफी बवाल भी मचा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब इसी तरह का मामला देश की राजधानी दिल्ली से सामने आया है, जिसमें बीजेपी पार्षद अमित खरकड़ी ने नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानों पर नेम प्लेट लगवाई। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि ठेले वालों ने अपने नाम और फोन नंबर लिखे हैं। वीडियो में एक शख्स यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि दोस्तों हम नजफगढ़ सब्जी मंडी में आए थे।
इस सुविधा के लिए अमित खडखडी भाई का बहुत-बहुत धन्यवाद
यहां पर एक नई व्यवस्था बनी है। एमसीडी प्रशासन द्वारा हमारे अमित खडखडी भाई, जो स्थानीय निगम नगर पार्षद भी हैं और नजफगढ़ जोन के चेयरमैन भी हैं। उन भाई साहब द्वारा एक सुशासन की व्यवस्था बनाई गई है। जो नेम प्लेट है, उनके अंदर नाम-नंबर लिखा गया है, जिससे हमें पता चला कि कौन इस दुकान का मालिक है। वीडियो में शख्स आगे कहता है कि, और कई तरह की शिकायतें भी आती थी कि मिलावटी सामान बेचा जा रहा है। अगर कोई शिकायत आएगी भी तो अब पता चल जाएगा। इस सुविधा के लिए अमित खडखडी भाई का बहुत-बहुत धन्यवाद। बीजेपी पार्षद अमित खरकड़ी ने कहा कि कई दिन से नजफगढ़ सब्जी और फल मंडी में शिकायत आ रही थी कि अंजान चेहरे रेहड़ी लगाने के लिए आ रहे हैं, जिन्हें स्थानीय मंडी एसोसिएशन जानता ही नहीं है। एक दिन हम लोगों की मंडी एसोसिएशन के साथ मीटिंग हुई। इसमें यह तय हुआ कि हर रेहड़ी पर उनकी पहचान के लिए फोन नंबर और रेडी नंबर लिखा जाए, ताकि पहचान के लिए सहूलियत हो सके। अमित खरकड़ी ने कहा कि ऐसा न हो कि कोई घुसपैठिया, रोहिंग्या या बांग्लादेशी रेहड़ी पटरी को संचालित कर रहा है। उसको देखने के लिए मंडी एसोसिएशन से हमारी बातचीत हुई और आइडेंटिफिकेशन का काम खुद मंडी एसोसिएशन ने किया। यह सार्थक पहल हम लोग कर रहे हैं। हर रेहड़ी पर उनका नाम, फोन नंबर और उनका रेहड़ी नंबर साथ ही आधार कार्ड स्थानीय पुलिस को और एमसीडी प्रशासन को सौंपा जाए।