भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है. भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है. हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज के पर्व मनाया जाता है. देशभर में भाई दूज के पर्व को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. यह दिन भाई बहन के प्यार और स्नेह के रिश्ते का प्रतीक होता है. हालांकि इस साल भाई दूज का पर्व किस दिन मनाया जाएगा इस बात को लेकर लोगों के बीच, थोड़ी दुविधा है. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल भाई दूज का पर्व किस दिन मनाया जाता है.
भाई दूज का महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार है इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने आए थे और तब से ही भाई दूज का पर्व यम द्वितीया के पर्व के रूप में भी मनाया जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में तिलक करने से भाई को सौभाग्य की प्राप्ति होती है एवं उसकी दीर्घायु होती है. भाई दूज का यह पर्व सिर्फ तिलक तक ही सीमित नहीं है बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और प्यार को भी दर्शाता है. इस विशेष दिन पर बहनें अपने भाइयों के सुख समृद्धि की कामना करती हैं और भाई भी अपनी बहनों के प्रति प्रेम और सुरक्षा का वचन देते हैं.
भाई दूज पर ये उपाय किए जा सकते हैं:
1. भाई दूज के दिन बहनें भाई को अपने घर बुलाएं या शाम को उनके घर जाकर उन्हें भोजन कराएं और तिलक लगाएं.
2. भाई दूज के दिन बहनें भाई को पान भेंट करें. मान्यता है कि ऐसा करने से बहनों का सौभाग्य अखंड रहता है.
3. भाई दूज के दिन बहनें यमराज के नाम से चौमुखी दीपक जलाकर घर के बाहर रखें.
4. भाई दूज के दिन भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करें.
5. भाई दूज के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को खाना खिलाएं.
6. भाई दूज के दिन तिलक करते समय बहनें “गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े” ऐसा कहें.
7. भाई दूज के दिन तिलक की थाली में सफ़ेद चावल रखें.
8. भाई दूज के दिन तिलक की थाली में सुपारी रखें.
9. भाई दूज के दिन तिलक की थाली में चांदी का सिक्का रखें.
10. भाई दूज के दिन भाई को नारियल, गरी, मिसरी, काला चना, पान और सुपारी दें.