नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस के अवसर पर भारतीय सैनिकों के साहस और हिम्मत को सलाम किया। उन्होंने भारतीय सेना की इन्फैंट्री को ताकत, वीरता और कर्तव्य का प्रतीक बताते हुए इसे हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत माना। इस वर्ष 78वां इन्फैंट्री दिवस मनाया जा रहा है, जो भारतीय पैदल सैनिकों की बहादुरी और योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, इन्फैंट्री दिवस पर हम सभी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के अदम्य साहस और हिम्मत को सलाम करते हैं। वे हर चुनौती का सामना करते हुए हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इन्फैंट्री हमारे लिए ताकत, वीरता और कर्तव्य का प्रतीक है।
जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा में अहम भूमिका
इन्फैंट्री, जिसे भारतीय सेना के पैदल जवानों के रूप में जाना जाता है, का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता के बाद से महत्वपूर्ण रहा है। 27 अक्टूबर 1947 को, भारतीय पैदल सैनिकों का पहला सैन्य दस्ता श्रीनगर के हवाई अड्डे पर उतरा था, जिसने जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई। सिख रेजिमेंट की इस बटालियन ने पाकिस्तानी कबाइलियों और सेना के आक्रमण का सामना किया, जिससे पाकिस्तान के जम्मू और कश्मीर पर कब्जा करने की योजना विफल हो गई।
राजनाथ ने दीं शुभकामनाएं
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इन्फैंट्री दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए लिखा, भारतीय इन्फैंट्री दिवस पर सभी सैनिकों को शुभकामनाएं। उनकी बहादुरी, साहस और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। भारत को अपने वीर इन्फैंट्री सैनिकों पर गर्व है।
इन्फैंट्री को युद्ध की रानी भी कहा जाता है, और यह मानव इतिहास के पहले युद्ध से शुरू मानी जाती है। स्वतंत्रता के बाद से, इन्फैंट्री ने कई प्रमुख संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि 1962 का चीन युद्ध, 1947-48 का पाकिस्तान संघर्ष, और 1999 का कारगिल युद्ध। इसके अलावा, इन्फैंट्री ने उत्तर और उत्तर-पूर्व के आतंकवाद-रोधी अभियानों, पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार और ऑपरेशन रक्षक, और श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में भी अपनी प्रतिबद्धता और पेशेवर कौशल का प्रदर्शन किया है। इस तरह, इन्फैंट्री दिवस भारतीय सैनिकों की बहादुरी और देश की रक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।