इजरायली सेना ने शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इजरायली सेना के मुताबिक यह हमला एक अक्टूबर को ईरानी मिसाइलों के हमले का बदला लेने के लिए किया गया है।
इजरायल ने कहा है कि सभी संप्रभु देशों की तरह उसे भी अधिकार है वह अपनी आत्मरक्षा में कदम उठाए। उसने यह भी कहा है कि उसका मिशन पूरा हुआ।
ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। वहीं, ईराक ने भी अपनी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं। इन हमलों ने दोनों कट्टर दुश्मनों के बीच पूर्ण युद्ध का खतरा और बढ़ा दिया है।
बता दें कि पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह-गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह-पहले से ही इजरायल के साथ युद्धरत हैं।
गौरतलब है कि ईरान ने पहले ही कहा है कि अगर उसके ऊपर हमला हुआ वह भी चुप नहीं बैठेगा। वहीं, अमेरिकी समाचार चैनल फॉक्स न्यूज के मुताबिक हमले से कुछ ही देर पहले व्हाइट हाउस को इसकी जानकारी मिली थी।
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकेन समझौते और मिडिल ईस्ट में शांति के मकसद से इजरायल पहुंचे हुए हैं। इजरायल ने शनिवार सुबह सीरिया पर भी बम बरसाए, जिसके धमाके दमिश्क में सुनाई दिए।
सितंबर अंत से इजरायल सीरिया और लेबनान के खिलाफ अभियान चला रहा है। उसके मुताबिक वह हिजबुल्लाह के आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऐसा कर रहा है। इस बीच शुक्रवार को पत्रकारों के परिसर पर हमले के लिए इजरायल की आलोचना भी हो रही है। दक्षिण पूर्व लेबनान में हुए इस हमले में तीन पत्रकार मारे गए थे।
अगली नोटिस तक ईरान-इराक की फ्लाइट्स कैंसिल
इजरायल के हमले के बाद ईरान ने बड़ा कदम उठाया है। ईरान के नागरिक उड्डयन संस्था के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान में सभी रूट्स की फ्लाइट्स को अगली सूचना तक बंद कर दिया है।
वहीं, इराक ने भी फ्लाइट्स का संचालन बंद कर दिया है। इराक ने यह फैसला ईरान की राजधानी तेहरान और आसपास के इलाकों में इजरायली हवाई हमलों के बाद लिया।
इस बीच ईरान-इराक के एक गुट ने इजरायल पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली है। समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी जानकारी दी है। वहीं, अर्धसरकारी समाचार एजेंसी तंसीम के मुताबिक ईरान भी इजरायल पर जवाबी हमले के लिए तैयार है।
एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहाकि इस बारे में कोई शक नहीं है कि इजरायल को इस हमले का खामियाजा भुगतना होगा। वहीं, अमेरिका ने इजरायल के हमलों में खुद के शामिल होने की बात खारिज की है।
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि ईरान पर हुए इजरायल के ताजा हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है।
गौरतलब है कि एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायली ठिकानों पर लगभग 180 मिसाइलें दागीं। तब तेहरान ने कहा था कि ये हमले अन्य चीजों के अलावा क्षेत्रीय प्रतिरोध समूहों के कई नेताओं की हत्याओं का प्रतिशोध थे।
ईरान के इन हमलों जवाब में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहाकि ईरान ने गंभीर गलती की है और प्रतिशोध की कसम खाई थी।
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